Bahraich Wolf Attack: बहराइच में खत्म हुआ भेड़ियों का आतंक, मारा गया आखिरी आदमखोर
Bahraich Wolf Attack: उत्तर प्रदेश में बहराइच जिले की महसी तहसील के करीब 50 गांव में आतंक का पर्याय बने आदमखोर भेड़ियों के झुंड के छठे और आखिरी सदस्य को रामगांव थानांतर्गत तमाचपुर गांव में शनिवार-रविवार की दरमियानी रात ग्रामीणों ने पीट-पीट कर मार डाला।
बहराइच के प्रभागीय वन अधिकारी अजीत प्रताप सिंह ने रविवार सुबह इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मारा गया भेड़िया आदमखोर भेड़ियों के झुंड का वही छठा और अंतिम सदस्य है जिसकी वन विभाग को तलाश थी।
उन्होंने बताया कि भेड़िए के शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
सिंह ने बताया शनिवार देर रात हमें जानकारी मिली कि महसी तहसील के रामगांव थानांतर्गत तमाचपुर गांव में एक भेड़िए को लोगों ने मार डाला है। हम लोग वहां पहुंचे तो हमें मृत भेड़िया तथा एक बकरी का शव बरामद हुआ। भेड़िए के शरीर पर चोट के निशान थे और खून बह रहा था। नजदीक से देखने पर पाया गया कि मृत भेड़िया एक वयस्क मादा थी।
ग्रामीणों ने लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला
उन्होंने कहा भेड़िया आबादी वाले इलाके में घुसा था और एक बकरी को उठाकर ले जा रहा था। रास्ते में गांव वालों ने उसे घेरकर मार डाला। मृत भेड़िए को पोस्टमार्टम के लिए रेंज कार्यालय लाया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यदि कोई विशेष अतिरिक्त जानकारी सामने आई तो उसे साझा किया जाएगा।
सिंह ने बताया कि उधर तमाचपुर गांव के कुछ ग्रामीणों ने पत्रकारों से बताया कि भेड़िए ने गांव में एक घर के आंगन में मां के पास सो रहे मासूम बच्चे पर हमला करने की कोशिश की थी लेकिन मां के चिल्लाने की आवाज सुनकर भेड़िया भाग निकला और वहीं एक बकरी पर हमला कर दिया। गांव में भेड़िया आने की सूचना पाकर सतर्क हुए ग्रामीणों ने उसे घेर लिया और पीट-पीट कर मार डाला।
बहराइच के महसी तहसील अंतर्गत घाघरा नदी के कछार में स्थित 50 गांवों के हजारों नागरिक तकरीबन दो महीने से भेड़ियों के हमलों से दहशत में थे। गत 17 जुलाई से सात बच्चों सहित आठ लोगों की हमलों से मौत हुई है जबकि करीब 36 लोग भेड़िए अथवा अन्य जानवरों के हमलों से घायल हुए थे।
वन विभाग के अनुसार छह आदमखोर भेड़ियों का एक झुंड गांव के लोगों पर हमले कर रहा था। इनमें से पांच को पहले ही पकड़ा जा चुका है जबकि झुंड का एक मात्र भेड़िया अभी पकड़ा जाना शेष था। झुंड का पांचवा भेड़िया 10 सितम्बर को पिंजरे में कैद कर चिड़ियाघर भेजा गया था।
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