Bahraich Violence Case: कोर्ट ने 11 नवंबर तक लगाई ध्वस्तीकरण पर रोक, सरकार से पूछे ये सवाल

Bahraich Violence Case: यूपी के बहराइच जिले के महाराजगंज इलाके में 13 अक्टूबर को हुई हिंसा के बाद जारी ध्वस्तीकरण के नोटिस के खिलाफ जनहित याचिका पर आज लखनऊ हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने फिलहाल ध्वस्तीकरण को 11 नंवबर तक टाल दिया है। इसके साथ कोर्ट ने यूपी सरकार से कई सवालों के जवाब भी तलब किए हैं।

राज्य सरकार को मौखिक निर्देश दिया कि फिलहाल ऐसी कोई कारवाई न करें जो कानून सम्मत न हो। उधर, सरकारी वकीलों ने भी कानून सम्मत करवाई करने का आश्वासन दिया। कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार को चार बिंदुओं पर जवाब दाखिल करने और याची को इनपर आपत्तियां दाखिल करने का समय देकर अगली सुनवाई 11 नवंबर को नियत की है। फिलहाल ध्वस्तीकरण नोटिस मामले में 11 नवंबर तक कथित अतिक्रमणकर्ताओं को राहत रहेगी।

जस्टिस ए.आर. मसूदी और जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ के समक्ष एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स संस्था की जनहित याचिका बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध थी। याचिका में बहराइच के कथित अतिक्रमणकर्ताओं को बीते 17 अक्तूबर को जारी ध्वस्तीकरण नोटिसों को चुनौती देकर इन्हे रद्द करने के निर्देश देने का आग्रह किया गया है।

अदालत ने राज्य सरकार से पूछा कि क्या नोटिसें जारी करने से पहले वहां कोई सर्वे किया गया था या नहीं? क्या जिन लोगों को नोटिस जारी हुए थे वे लोग निर्मित परिसरों के स्वामी है या नहीं? बता दें कि बहराइच के महाराजगंज में 13 अक्तूबर को हिंसा के बाद रामगोपाल मिश्रा की हत्या हो गई थी। इसके बाद वहां महाराजगंज के कथित अतिक्रमणकर्ताओं के निर्माणों को ढहाने की नोटिस उन्हें जारी हुई थीं।

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