बैड टच, जेवरात हड़पने और वसूली कांड, किन-किन मामलों में हुई कानपुर पुलिस की फजीहत?
Sandesh Wahak Digital Desk: यूपी की कानपुर पुलिस इन दिनों अपने कारनामों की वजह से सुर्खियों में बनी हुई है। एक के बाद एक हुई तीन घटनाओं ने कानपुर पुलिस की जमकर फजीहत करा दी है।
दरअसल कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र में एक अक्टूबर को टीचर शालिनी दुबे के घर में घुसे चोरों ने सोने के आभूषण समेत कीमती सामान पर हाथ साफ कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की। हालांकि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चोरी किए गए जेवरात को बरामद कर लिया, लेकिन हैरानी की बात ये है कि पुलिस ने जेवरात को पीड़ित पक्ष को देने के बजाय पिघलाकर जौहरी को बेचने की कोशिश की। इस मामले में चौकी इंचार्ज समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
कई पुलिसकर्मी निलंबित
अपर पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) ने बताया कि बर्रा थाना क्षेत्र में एक अक्टूबर को अध्यापिका शालिनी दुबे के घर में घुसे चोरों ने सोने के आभूषण समेत कीमती सामान पर हाथ साफ कर लिया। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले ही कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
चंदर ने बताया पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि अध्यापिका के घर में चोरी के मामले में उन्हें रेल बाजार थाने की पुलिस ने हिरासत में लिया था। इस दौरान उन्होंने अपना अपराध कुबूल करते हुए पुलिस को उस जौहरी के बारे में भी बताया था जिसे उन्होंने लूटा हुआ सोना बेचा था।
अपर पुलिस आयुक्त के अनुसार जांच में पता चला कि रेल बाजार थाने के पुलिसकर्मियों ने बताये गये जौहरी को बुलाया था। जिसने अपना अपराध कुबूल करते हुए पुलिस को करीब 25 लाख रुपये का सोना लौटा दिया। जौहरी ने उसके खिलाफ मामला दर्ज न करने का अनुरोध किया था।
उन्होंने दावा किया आरोपी पुलिसकर्मियों ने गहनों को पिघलाकर शुद्ध सोना निकाला और बाद में उसे दूसरे जौहरी को बेच दिया। इन गंभीर आरोपों की जांच के लिये एक टीम गठित की गयी थी। जांच में पुलिसकर्मियों को अवैध रूप से सोना बेचने और कर्तव्य पालन में लापरवाही बरतने का दोषी पाया गया।
चंदर के मुताबिक इस आधार पर रेल बाजार थाने के प्रभारी विजय दर्शन शर्मा, प्रशिक्षु दारोगा नवीन श्रीवास्तव, हेड कांस्टेबल सुभाष तिवारी और आमिल हफीज को सोमवार को निलंबित कर दिया गया।
कानपुर पुलिस पर बैड टच का आरोप
तो वहीं दूसरी घटना कानपुर पुलिस पर कई गंभीर सवालिया निशाना खड़े करती नजर आ रही है। दरअसल कमिश्नरेट के पूर्वी जोन में तैनात एक दरोगा ने महिला से अभद्रता करने के साथ ही उसे बैड टच किया। महिला के परिजनों ने घटना की शिकायत अधिकारियों से की। जिसके बाद दरोगा को लाइन हाजिर कर दिया। लेकिन मामला विभागीय होने कारण अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है। इधर, सोमवार को जेसीपी हरीशचंद्र ने फेथफुलगंज चौकी इंचार्ज गजेंद्र सिंह को सस्पेंड कर दिया। जेसीपी हरीशचंद्र ने बताया कि शिकायत के आधार पर जांच करने के बाद ही कार्रवाई की गई।
वसूली कांड में भी फंसी कानपुर पुलिस
तीसरी घटना में कानपुर का वसूली कांड एक बार फिर उजागर हो गया है। घाटमपुर में कस्बा चौकी इंचार्ज और सब इंस्पेक्टर ने मोमबत्ती कारोबारी से 50 हजार रुपये वसूल लिए। इसके बाद पीड़ित ने व्यापार मंडल के पदाधिकारियों से पूरी बात बताई। इसके बाद घाटमपुर थाने में शिकायत की। जेसीपी हरीशचंद्र ने बताया कि चौकी इंचार्ज और सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही जांच की जा रही है।
घाटमपुर के रहने वाले उदय प्रकाश साहू मोमबत्ती का कारखाना चलाते है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीते दिनों कस्बा चौकी प्रभारी आशीष चौधरी और चौकी में तैनात सब इंस्पेक्टर अनुज नागर सादे कपड़े में कारखाने में आए और लाइसेंस न होने का डर दिया और घर का वीडियो बनाने लगे।
इसके बाद उनको चौकी ले गए, जहां उनको टॉर्चर कर 50 हजार रुपये वसूल लिए। जिसमें 20 हजार ऑनलाइन और तीस हजार रुपये नगद ले लिए। व्यापारी ने वापस लौटने पर वसूली की शिकायत उप्र आदर्श कानपुर पूर्वी व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष महेश वर्मा से की तो व्यापार मंडल ने अधिकारियों को व्यापारी के साथ हुई घटना के बारे में बताया। जेसीपी हरीशचंद्र ने बताया कि चौकी इंचार्ज और सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है।
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