Azamgarh News: सीएमओ कार्यालय की महिला कर्मचारी निकली गिरोह की सरगना

Azamgarh News: यूपी में बड़े पैमाने पर फर्जी जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाए गए थे। रायबरेली के बाद अब आजमगढ़ में भी फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले सिंडिकेट का यूपी एटीएस ने भंडाफोड़ किया है।

एटीएस ने शुक्रवार को सीएमओ कार्यालय की महिला संविदा कर्मचारी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। महिला ही इस गिरोह की सरगना थी। उसने ही नागरिक पंजीकरण प्रणाली (सीआरएस) पोर्टल की अधिकृत आईडी का पासवर्ड अपने साथियों को देकर गलत इस्तेमाल कराया था।

सीएमओ कार्यालय के कुछ और कर्मचारी रडार पर

इस काम में रायबरेली के गिरोह के मास्टरमाइंड रविकेश ने ने भी महिला सरगना की मदद की। एटीएस का दावा है कि इस गिरोह ने भी सैकड़ों लोगों के लिए फर्जी जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए हैं। एटीएस ने गिरोह और सीएमओ कार्यालय के कुछ और कर्मचारियों को रडार पर लिया है।

एटीएस आईजी नीलाब्जा चौधरी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों में आजमगढ़ के कोल पाण्डेय निवासी अनीता यादव, हरवंशपुर सिधारी निवासी आनन्द यादव उर्फ नन्हे और जहानागंज निवासी शिवानन्द शामिल है। इन लोगों के बारे में कई दिन से सूचना मिल रही थी कि आजमगढ़ में फर्जी प्रमाण पत्र बनाने का एक सिंडिकेट काम कर रहा है। सबसे पहले एटीएस ने संदिग्ध शिवानन्द को हिरासत में लिया। इससे पूछताछ में कई जानकारी सामने आयी।

फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर की वसूली

शिवानन्द से पूछताछ में कबूला कि उसके गिरोह की सरगना सीएमओ कार्यालय में तैनात संविदाकर्मी अनीता यादव है। अनीता ने ही सीआरएस पोर्टल की जिला एडमिन आईडी का दुरुपयोग किया। उसने कुछ नए ग्राम सचिव की आईडी में गलत तरीके से फेरबदल किया और अपने गिरोह में शामिल निजी लोगों को आईडी-पासवर्ड दे दिया। इसके बाद ही शिवानन्द ने दोनों के साथ मिलकर फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर वसूली की। मामले आजमगढ़ के थाना कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है। जिसकी विवेचना स्थानीय थाना पुलिस करेगी।

एटीएस ने अनीता यादव से कई घंटों पूछताछ की तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। अनीता ने कबूला कि रायबरेली में ग्राम विकास अधिकारी की आईडी-पासवर्ड से फर्जी प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह का मास्टर माइंड बिहार के दरभंगा निवासी रविकेश उसकी मदद करता रहा। इसके लिए उसने हर बार रकम भी वसूली। रविकेश को भी एटीएस ने पांच दिन पहले पकड़ा था। एटीएस अफसर ने बताया कि अनीता का गिरोह सीआरएस पोर्टल के पुराने ऑप्शन का इस्तेमाल कर फर्जी प्रमाण पत्र बनाता था। पुराने ऑप्शन से बनाए प्रमाण पत्र जिला व प्रदेश स्तर पर वेबसाइट पर दिखते नहीं थे।

कई और संदिग्ध रडार पर

एटीएस ने पोर्टल की आईडी में संशोधन व नई आईडी बनाने में संलिप्त कई और लोगों को रडार पर ले रखा है। इनकी कुंडली खंगाली जा रही है। जल्दी ही इनके खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी। गिरफ्तार आरोपियों द्वारा विभिन्न जिलों से बनाये गये फर्जी प्रमाण पत्रों के बारे में पूरा ब्योरा जुटाने के लिए टीम को कहा गया है।

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