प्रयागराज में एटीएम कार्ड क्लोनिंग गिरोह का पर्दाफाश, सरगना समेत दो गिरफ्तार

Sandesh Wahak Digital Desk: उत्तर प्रदेश एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने एक अन्तर्राज्यीय एटीएम कार्ड क्लोनिंग गिरोह का पर्दाफाश करते हुए गिरोह के सरगना दिलशाद खान और एक सक्रिय सदस्य मो. मोहसिन को प्रयागराज के नैनी क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। इन दोनों पर महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कई धोखाधड़ी की घटनाओं में शामिल होने का आरोप है।

गिरफ्तार अभियुक्त

  1. दिलशाद खान (गिरोह का सरगना), निवासी ग्राम तिलौरी, थाना लीलापुर, जनपद प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश)
  2. मो. मोहसिन (गिरोह का सदस्य), निवासी ग्राम बासुपुर, थाना लीलापुर, जनपद प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश)

बरामदगी

  • 1 बैग
  • 2 मोबाइल फोन
  • 1 आधार कार्ड
  • ₹5500/- नकद

गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ महाराष्ट्र के पालघर जिले के मानिकपुर थाना में एटीएम धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था। इन आरोपियों का गिरोह एटीएम कार्ड बदलकर खाताधारकों से रुपये निकालता था। विशेष रूप से, ये गिरोह उन व्यक्तियों को निशाना बनाता था जो या तो कम पढ़े-लिखे थे या उम्रदराज दिखते थे। गिरोह के सदस्य एटीएम बूथों पर उन व्यक्तियों के कार्ड बदलते और उनका पिन देखकर बाद में उनके खाते से पैसे निकाल लेते थे।

गिरोह के काम करने का तरीका

पुलिस अधिकारी ने बताया कि गिरोह के सदस्य अक्सर उन एटीएम बूथों पर सक्रिय रहते थे, जहां सिक्योरिटी गार्ड्स नहीं होते थे और ज्यादा भीड़ होती थी। वे पीड़ितों के पास जाकर मदद करने के बहाने उनका कार्ड बदल लेते थे और पिन कोड देख लेते थे। इसके बाद, वे विभिन्न स्थानों पर जाकर एटीएम से पैसे निकालते और उन पैसों को आपस में बांट लेते थे।

पुलिस की जांच में यह सामने आया कि इन आरोपियों ने पिछले कुछ महीनों में महाराष्ट्र के पालघर, रायगढ़ और नवी मुंबई के एटीएम बूथों से बड़ी रकम निकाल ली थी। इसके अलावा, आरोपियों ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी, राजस्थान के भिलवाड़ा और अन्य स्थानों पर भी धोखाधड़ी की थी।

13 मार्च 2025 को, गिरोह ने वसई वेस्ट के इण्डस बैंक के एटीएम से एक बुजुर्ग व्यक्ति से उसका एटीएम कार्ड बदलकर ₹70,000 निकाल लिए थे, जिसके खिलाफ मानिकपुर थाना, पालघर में मामला दर्ज किया गया था। वहीं, 23 मार्च 2025 को रायगढ़ के एक्सिस बैंक एटीएम से भी एक और घटना हुई थी, जहां ₹49,000 निकाल लिए गए थे।

कानूनी कार्रवाई

गिरफ्तारी के बाद, दिलशाद खान और मो. मोहसिन ने अपनी अपराधों को स्वीकार किया और पुलिस को बताया कि वे विभिन्न राज्यों में एटीएम धोखाधड़ी की घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं। दिलशाद खान पहले भी वाराणसी और राजस्थान में एटीएम धोखाधड़ी में शामिल हो चुका है और वह 2022 में लूट के मामले में जेल भी जा चुका है। अब, महाराष्ट्र पुलिस इन दोनों आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर अपनी अभिरक्षा में महाराष्ट्र ले जाएगी और आगे की जांच करेगी।

एसटीएफ के अधिकारियों ने इस गिरफ्तारी को बड़ी सफलता मानते हुए कहा कि इस गिरोह की गिरफ्तारी से एटीएम धोखाधड़ी के कई मामलों का खुलासा हुआ है और इससे पुलिस को इन अपराधियों की पूरी योजना और कार्यप्रणाली को समझने का मौका मिला है। एसटीएफ टीम में प्रमुख रूप से उपनिरीक्षक गुलजार सिंह, निरीक्षक जय प्रकाश राय, और अन्य पुलिस कर्मियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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