Anti-reservation protest in Bangladesh: प्रदर्शन की आग में झुलसा बांग्लादेश, इमरजेंसी जैसे हालात, देश भर में लगा कर्फ्यू

Anti-reservation protest in Bangladesh: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली में सुधार की मांग को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच शुक्रवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है। हिंसक प्रदर्शनों को काबू में रखने के लिए सरकार ने सेना को भी तैनात कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक हिंसा में कई लोगों की जान जा चुकी है।

इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद

राजधानी ढाका और अन्य प्रमुख शहरों में जारी विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए सरकार ने इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं भी बंद कर दी हैं। प्रदर्शन कुछ सप्ताह पहले शुरू हुए थे, लेकिन इस सप्ताह से हिंसा और तेजी से बढ़ गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन प्रदर्शनों में अब तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।

पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात

सोमवार को जब छात्रों ने देशव्यापी ‘‘पूर्ण बंद’’ का प्रयास किया, तो पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की। हताशा और अराजकता के इस माहौल ने बांग्लादेश की शासन व्यवस्था और अर्थव्यवस्था में दरारों को उजागर किया है। सरकार ने राजधानी ढाका में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त पुलिस और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया है।

क्या है प्रदर्शनकारियों की मांग?

प्रदर्शनकारी 1971 के मुक्ति संग्राम में लड़ने वाले नायकों के रिश्तेदारों के लिए आरक्षित सार्वजनिक नौकरियों की प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह प्रणाली भेदभावपूर्ण है और प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी, अवामी लीग, के समर्थकों को लाभ पहुंचा रही है। प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि इस प्रणाली को योग्यता आधारित प्रणाली में तब्दील किया जाए। प्रधानमंत्री हसीना ने आरक्षण प्रणाली का बचाव करते हुए कहा है कि संघर्ष में योगदान देने वालों को सम्मान मिलना चाहिए, चाहे उनकी राजनीतिक संबद्धता कुछ भी हो।

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