Ansal API: अफसरों की ढिलाई से अंसल ने खाई बंधक जमीनों की रजिस्टी की मलाई

अंसल एपीआई की सुशांत गोल्फ सिटी में हो रहे फर्जीवाड़ों पर सिर्फ तमाशबीन बना रहा एलडीए और निबंधन विभाग

Sandesh Wahak Digital Desk: एक ही व्यक्ति 11 रजिस्ट्रियों में गवाह, दूसरा तकरीबन आधा दर्जन रजिस्ट्रियों में, दरअसल लखनऊ में फर्जी रजिस्ट्री कराने वाले संगठित गिरोह की कार्यशैली के इस अंदाज ने सम्पत्तियों की फर्जी रजिस्ट्रियों का मानो रिकॉर्ड तोड़ दिया है। निबंधन विभाग हो या एलडीए, हर स्तर तक इस गैंग की पहुंच है।

खासतौर पर फ्रॉड बिल्डर अंसल एपीआई की सुल्तानपुर रोड स्थित सुशांत गोल्फ सिटी टाउनशिप में सबसे बड़ा रजिस्ट्री घोटाला दफन है। तकरीबन तीन माह पहले मोहनलालगंज तहसील में फर्जी रजिस्ट्री कराने वाले गैंग के चार लोगों को पुलिस ने पकड़ा था।

इस गैंग ने गोसाईगंज और आसपास के क्षेत्रों में रजिस्ट्रियां कराकर गोलमाल किया है। गैंग के तार अंसल की घोटाला टाउनशिप से भी जुड़े हैं। पांच वर्षों के दौरान सैकड़ों रजिस्ट्रियां ऐसी अंजाम दी गयीं। जिनके लिए एलडीए ने एनओसी नहीं जारी की थी। गैंग के सदस्यों के कनेक्शन तमाम बिल्डरों से हैं। एलडीए सिर्फ दो सैकड़ा रजिस्ट्रियों के आंकड़े की दुहाई दे रहा है। रजिस्ट्रियां करते समय निबंधन विभाग के अफसर-कर्मी भी दस्तावेजों की जांच करना मुनासिब नहीं समझते हैं क्योंकि फर्जीवाड़े में उनकी भी संलिप्तता है।

LDA

सरकारी जमीनों की रजिस्ट्री भी कराये जाने की आशंका

एलडीए अफसर अपने बचाव में दुहाई देते हैं कि निबंधन विभाग को बंधक जमीनों की सूचना देकर रजिस्ट्री न करने का पत्र भेजा गया था। जबकि सिक्के का दूसरा पहलू ये है कि अरबों की बंधक जमीनों की रजिस्ट्री कराने का खेल कुछ माह से नहीं बल्कि वर्षों से जारी था। जिसमें सरकारी जमीनों की रजिस्ट्री भी बेख़ौफ कराये जाने की आशंका है। एक भी एलडीए अफसर ने जहमत नहीं उठायी कि बंधक जमीनों की पड़ताल की जाए। निबंधन विभाग के अफसरों के खिलाफ जांच के आदेश नहीं दिए गये हैं।

घोटाले से अफसरो-कर्मियों की आर्थिक तस्वीर बदल चुकी है। टाउनशिप में इनके कई प्लॉट-फ़्लैट हैं। रजिस्ट्री घोटाला सरोजनीनगर और मोहनलालगंज तहसील में रफ़्तार पकड़ा है। टाउनशिप के अंदर सम्पत्तियों की दलाली करने वाले कई करोड़ की हैसियत बना चुके हैं।

LDA में घोटाला नया नहीं, 11 रजिस्ट्री में गवाही देता है एक ही व्यक्ति

एलडीए में रजिस्ट्री घोटाला नया नहीं है। चार साल पहले गोमतीनगर में एलडीए के 40 करोड़ के 18 भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री पकड़ी गयी थी। इससे पहले गोमती नगर के 13 फर्जी भूखंडों की फर्जी रजिस्ट्री हो चुकी है। तीन साल पहले भी 30 प्लॉट की फर्जी रजिस्ट्री हुई। दो साल पहले ट्रांसपोर्ट नगर में नौ भूखण्डों की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री सामने आयी। मई 2023 में ट्रांसपोर्टनगर के चार प्लॉटों की जांच में रजिस्ट्री फर्जी निकली। एक ही व्यक्ति ने 11 रजिस्ट्री में गवाही दी थी। एक अन्य व्यक्ति ने चार मामलों में गवाही दी थी। निबंधन विभाग के साथ फर्जी रजिस्ट्री करने वाले ठगों के गैंग में एलडीए के कई कर्मचारी भी लिप्त हैं। इसकी जांच एसआईटी बनाकर कराई जानी चाहिए।

प्रथमेश कुमार

एलडीए वीसी बोले, तीन माह पहले जिला प्रशासन व निबंधन कार्यालय को भेजी थी सूचना

हाल ही में एलडीए के वीसी प्रथमेश कुमार ने कहा था कि टाउनशिप में रजिस्ट्री पर रोक को लेकर तीन महीने पहले भी जिला प्रशासन और निबंधन कार्यालय को सूचना भेजी गई थी। इसके बाद भी अंसल की ओर से रजिस्ट्री किए जाने की शिकायत आई है। अंसल के खिलाफ जो एफआईआर कराई गई है, उसमें उल्लेख है। रजिस्ट्री पर रोक का आदेश फिर से जारी किया गया है। सुशांत गोल्फ सिटी टाउनशिप की फोरेंसिक ऑडिट भी शुरू कराई गयी है।

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