लोकसभा में बोले अमित शाह, ‘दिल्ली की सेवा नहीं भ्रष्टाचार छिपाना ‘AAP’ का उद्देश्य’
Sandesh Wahak Digital Desk : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक’ संसद में लाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किसी तरह से उल्लंघन नहीं किया गया है। संविधान के तहत संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र से संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है।
‘राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली क्षेत्र सरकार संशोधन विधेयक, 2023’ को चर्चा एवं पारित होने के लिए निचले सदन में रखते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा दिल्ली न तो पूर्ण राज्य है, न ही पूर्ण संघ शासित प्रदेश है। राष्ट्रीय राजधानी होने के नाते संविधान के अनुच्छेद 239 ए ए में इसके लिए एक विशेष प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 239 ए ए के तहत इस संसद को दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र या इससे संबंधित किसी भी विषय पर कानून बनाने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है। शाह ने कहा कि कुछ सदस्यों ने कहा कि इस विधेयक को उच्चतम न्यायालय के फैसले का उल्लंघन करके लाया गया है, लेकिन वह उन सदस्यों से कहना चाहते हैं कि न्यायालय के फैसले के मनपसंद हिस्से की बजाए पूरा संदर्भ दिया जाना चाहिए।
केजरीवाल सरकार पर अमित शाह का वार
उन्होंने कहा कि 1993 के बाद दिल्ली में कभी कांग्रेस और कभी भाजपा की सरकार आईं और दोनों में से किसी दल ने दूसरे (विपक्ष) के साथ झगड़ा नहीं किया, लेकिन 2015 में ऐसी सरकार आई जिसका मकसद सेवा करना नहीं, केवल झगड़ा करना है। शाह ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वास्तव में इनका मकसद कानून व्यवस्था और स्थानांतरण पर नियंत्रण नहीं, बल्कि विजिलेंस को नियंत्रण में लेकर ‘बंगले’ का और भ्रष्टाचार का सच छिपाना है।
कितने ही गठबंधन कर लो,
2024 में आएंगे मोदी ही। pic.twitter.com/QawNpmpW82— BJP (@BJP4India) August 3, 2023
शाह ने कहा कि ‘मेरी सभी सदस्यों से विनती है कि चुनाव जीतने के लिए, किसी का समर्थन हासिल करने के लिए, किसी विधेयक का समर्थन या विरोध करने की राजनीति नहीं करनी चाहिए’। उन्होंने कहा कि नया गठबंधन बनाने के अनेक प्रकार होते हैं, विधेयक और कानून देश के भले के लिए लाए जाते हैं और इसका विरोध या समर्थन भी देश और दिल्ली के भले के लिए करना चाहिए। गृह मंत्री ने कहा कि ‘मेरी विपक्ष के सदस्यों से अपील है कि आप दिल्ली की सोचिए, गठबंधन की मत सोचिए। क्योंकि गठबंधन होने के बाद भी पूर्ण बहुमत से नरेन्द्र मोदी ही अगली बार प्रधानमंत्री बनने वाले हैं’।
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