लोकसभा चुनाव में मायावती के पुराने सिपहसालारों के भरोसे अखिलेश

यूपी में सपा द्वारा घोषित कुल प्रत्याशियों में से एक चौथाई कर चुके हैं बसपा के हाथी की सवारी

Sandesh Wahak Digital Desk: लोकसभा चुनाव में पीडीए के भरोसे भाजपा को टक्कर दे रही सपा बसपा के पुराने सिपहसालारों के सहारे ताल ठोंक रही है। अभी तक घोषित 57 में से 14 सपा उम्मीदवार पुराने बसपाई हैं। इन नेताओं में से अधिकांश ओबीसी समुदायों से हैं।

बाबू सिंह कुशवाहा

मायावती सरकार में कद्दावर मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा एनआरएचएम घोटाले में जेल गए थे। इसके बावजूद सपा ने इन्हे हाल ही में जौनपुर से टिकट दिया है। अम्बेडकरनगर से खड़े पूर्व मंत्री लाल जी वर्मा सपा में नवंबर 2021 में आये थे। उन्होंने 2022 में कटेहरी विधानसभा सीट सपा के चुनाव चिन्ह पर जीती थी।

 

नारायण दास अहिरवार

जालौन से सपा प्रत्याशी नारायण दास अहिरवार

नारायण दास अहिरवार को सपा ने जालौन से चुनाव मैदान में उतारा है। कांशीराम के करीबी रहे नारायण दास बसपा के संस्थापक सदस्यों में से थे। वह 2022 में सपा में शामिल हो गए। मोहनलालगंज से सपा के टिकट पर किस्मत आजमा रहे बसपा के संस्थापकों में से एक और कांशीराम के विश्वासपात्र आरके चौधरी 2017 में सपा में शामिल हो गए थे। अकबरपुर से चुनाव मैदान में डटे राजा राम पाल 2004 में बसपा सांसद थे। उन्होंने 2021 में सपा का दामन थामा था।

रमेश गौतम

 

डुमरियागंज सीट से सपा के टिकट पर चुनावी मैदान में रमेश गौतम

बहराइच लोकसभा से किस्मत आजमा रहे रमेश गौतम का 89 से शुरू बसपा का साथ 2020 में सपा की साइकिल पर सवार होने से खत्म हो गया। इसी तरह श्रावस्ती से बसपा के टिकट पर सांसद बने राम शिरोमणि वर्मा ने भी हाल ही में सपा में प्रवेश पाया है। वर्मा पुन: इसी लोकसभा सीट से सपा उम्मीदवार के तौर पर खड़े हैं। 2021 में सपा में आये भीम शंकर उर्फ कुशल तिवारी ने भी बसपा उम्मीदवार के तौर पर 2009 में संत कबीर नगर लोकसभा सीट जीती थी। फिलहाल डुमरियागंज सीट से सपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं।

राम प्रसाद चौधरी

मायावती सरकार में मंत्री रहे राम प्रसाद चौधरी ने 2020 में सपा का साथ लिया। चौधरी अब बस्ती से चुनावी मैदान में खड़े हैं। इसी तरह रमा शंकर राजभर सपा के टिकट पर सलेमपुर से चुनाव मैदान में हैं। वे 2009 में बसपा से सलेमपुर सांसद चुने गए थे। 2017 में इन्हे भी सपा में शामिल किया गया। अफजाल अंसारी गाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। अफजाल 2019 में बसपा के टिकट पर यहीं से सांसद चुने गए थे। फरवरी 2024 में वह बसपा छोडक़र सपा में शामिल हो गए।

सुनीता वर्मा

मेरठ से ताल ठोंक रही सुनीता वर्मा को 2019 में बसपा ने निष्कासित कर दिया था,  वहीं फूलपुर से खड़े अमरनाथ मौर्य 90 के दशक के सक्रिय बसपा नेता थे। 2022 में सपा ने इन्हे पार्टी में शामिल किया। नीरज मौर्य भी सपा के टिकट पर आंवला लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं। जलालाबाद से दो बार बसपा विधायक रह चुके हैं नीरज 2022 में सपा का हिस्सा बन गए।

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भाजपा को भी रास आ रहे दलबदलू नेता, जमकर बांटे टिकट

भाजपा को भी दलबदलू नेता खूब रास आ रहे हैं। देशभर में घोषित भाजपा के करीब 30 फीसदी उम्मीदवार ऐसे हैं, जो किसी दूसरे दल से आए हैं। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा 75 और सहयोगी दल पांच सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। इनमें से करीब 20 से ज्यादा सीटों पर भाजपा ने दलबदलुओं को लोकसभा चुनाव का टिकट देकर मैदान में उतारा है।

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