UP Lok Sabha Elections: PM मोदी के सम्मान में अखिल भारत हिंदू महासभा ने उठाया बड़ा कदम, स्वामी चक्रपाणि बोले- दूसरी पार्टियों…
UP Lok Sabha Elections: लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में प्रचार-प्रसार अपने चरम पर है. लेकिन इन सबके बीच यूपी की सियासत से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल, अखिल भारत हिंदू महासभा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में अपना प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला किया है. इसके साथ ही अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने दूसरी पार्टियों से भी वाराणसी से अपने उम्मीदवार वापस लेने की अपील की है.
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि आज अखिल भारत हिंदू महासभा के वाराणसी से उतारे गए प्रत्याशी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के सम्मान में वापस लेने का निर्णय किया गया है.
बता दें कि पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी ने हिन्दू महासभा ने महामंडलेश्वर हिमांगी सखी को अपना उम्मीदवार बनाया था.
‘PM मोदी के सम्मान में हटा लें प्रत्याशी’
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने आगे कहा कि मैं दूसरी पार्टियों से भी और इंडिया गठबंधन से भी अपील करता हूं कि उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में अपने उम्मीदवार हटा लेने चाहिए. क्योंकि जब पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव साउथ से चुनाव लड़े थे, तो उस वक्त उनके सम्मान में सभी पार्टियों ने अपने प्रत्याशी वापस लिए थे और वो उस वक्त निर्विरोध चुने गए थे.
देश में बजा भारत का डंका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनिया में देश का डंका बजाया है. देश के गौरव और मान-सम्मान को बढ़ाया है. इसलिए हम निश्चित रुप से चाहते हैं कि सभी पार्टियों के लोग छोटी-छोटी बातों पर ध्यान न दें. वो दूसरी जगह से अपने प्रत्याशी खड़ा करें. हमें लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्मान में काशी की धरती से अपने सभी प्रत्याशी को हटा लेना चाहिए. यह देश के जनमानस का सम्मान होगा. लोकतंत्र का सम्मान होगा.
स्वामी चक्रपाणि महाराज ने ये भी कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई पार्टियों का वैचारिक मतभेद हो सकता है. हमें खुद राम मंदिर के लिए निमंत्रण नहीं मिला. मैं मुख्य पक्षकार था, हमें ट्रस्ट में जगह देना तो दूर अयोध्या श्रीराम मंदिर के लिए निमंत्रण तक नहीं मिला. मुझे भी सरकार से कहीं न कहीं थोड़ा दुख है. लेकिन फिर भी ये सब चीजें छोटी हो जाती है, जब व्यापक रुप से हम सोचते हैं.