Akanksha Dubey Suicide Case: पीड़ित पक्ष ने सीएम योगी से लगाई गुहार, सीबीआई जांच की मांग
वाराणसी: भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे (Akanksha Dubey Bhojpuri Actress) कथित आत्महत्या मामले में पीड़ित पक्ष ने प्रकरण की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) या अपराध शाखा, अपराध जांच विभाग (सीबीसीआईडी) से कराने की मांग की है।
अभिनेत्री की मां मधु दुबे के अधिवक्ता शशांक शेखर ने बुधवार को बताया कि उन्होंने अपने मुवक्किल की तरफ से मंगलवार को इस मांग को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सम्बोधित एक पत्र अपर जिलाधिकारी को सौंपा है।
शेखर ने बताया कि उन्होंने पत्र में आरोप लगाया है कि कुछ लोगों ने एक साजिश के तहत आकांक्षा की हत्या करा दी है और उसे आत्महत्या का रूप देने का प्रयास किया जा रहा है।
होटल में मिला था आकांक्षा का शव
उन्होंने पत्र में दावा किया है कि जब पुलिस आकांक्षा की मौत की खबर सुनकर मौके पर पहुंची तो उसने होटल के कमरे में देखा कि आकांक्षा के गले में फंदा लगा है और वह बिस्तर पर पैर मोड़ कर आराम की मुद्रा में बैठी है। इस स्थिति में किसी की फांसी लगने से मौत होना सम्भव ही नहीं है।
गौरतलब है कि भोजपुरी फिल्म अभिनेत्री आकांक्षा दुबे गत 26 मार्च को वाराणसी के सारनाथ स्थित एक होटल के कमरे में मृत पाई गई थी। उनके गले में फांसी का फंदा लगा पाया गया था। इस मामले में भोजपुरी गायक समर सिंह समेत दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आकांक्षा भदोही जिले के चौरी थाना क्षेत्र के परसीपुर की निवासी थी।
मौत से पहले सोशल मीडिया पर लाइव आई थी आकांक्षा
अधिवक्ता ने अपने पत्र में कहा है कि आश्चर्य की बात यह है कि जो व्यक्ति आकांक्षा को छोड़ने के लिए उनके कमरे में गया, वह 15-20 मिनट तक कमरे में क्या कर रहा था। आकांक्षा (Akanksha Dubey) जब सोशल मीडिया पर लाइव आकर अपनी बात कहना चाह रही थी तब वह बहुत डरी हुई थी।
शेखर ने पत्र में आरोप लगाया है कि पुलिस ने आकांक्षा के शव की जबरन अंत्येष्टि करवा दी जबकि मृतका की मां लगातार यह कहती रहीं कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही अंत्येष्टि की जाए।
अधिवक्ता ने अपने पत्र में लिखा है कि आकांक्षा पूर्व में भी अपने कई साक्षात्कारों में कह चुकी थी कि उन्हें भोजपुरी फिल्म जगत के कई नामचीन लोग प्रताड़ित करते रहे हैं। वे काम कराने के बाद मेहनताना भी नहीं देते हैं और होटल में बेवजह रुकने को कहते हैं। ऐसे लोगों का खुला विरोध करने पर वह कुछ लोगों की निगाह में खटकने लगी थी।
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