वायुसेना का बड़ा फैसला : मिग-21 लड़ाकू विमान के पूरे बेड़े की उड़ान पर रोक
Sandesh Wahak Digital Desk : वायुसेना ने अपने 50 मिग-21 लड़ाकू विमानों के बेड़े को अस्थायी रूप से सेवा से हटा दिया है। यह फैसला करीब दो सप्ताह पहले राजस्थान के हनुमानगढ़ में एक मिग-21 लड़ाकू विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद लिया गया है।
आठ मई को सूरतगढ़ में वायु सेना स्टेशन से नियमित प्रशिक्षण के लिए रवाना हुआ मिग -21 विमान हनुमानगढ़ में दुर्घटनाग्रस्त होकर एक घर पर गिर गया था। इसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी। घटनाक्रम से अवगत लोगों ने कहा कि सभी मिग -21 विमान फिलहाल तकनीकी मूल्यांकन और जांच के दौर से गुजर रहे हैं और जांच दलों की मंजूरी के बाद ही उन्हें उड़ान भरने की अनुमति दी जाएगी।
हनुमानगढ़ की घटना के बाद सोवियत मूल के मिग-21 विमान फिर से चर्चा में आ गए थे। 1960 के दशक की शुरुआत में मिग-21 को पेश किए जाने के बाद से अब तक लगभग तमाम विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। लंबे समय तक मिग-21 भारतीय वायुसेना का मुख्य आधार थे। वायुसेना ने अपने युद्ध कौशल को बढ़ाने के लिए 870 से अधिक मिग-21 लड़ाकू विमान खरीदे थे। हालांकि, विमान का सुरक्षा रिकॉर्ड बहुत खराब है।
400 विमान हो चुके हैं दुर्घटनाग्रस्त
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह दशकों में 400 मिग-21 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। फिलहाल वायुसेना के पास लगभग 50 मिग-21 विमान हैं।
1963 में वायुसेना में हुआ था शामिल
मिग वैरिएंट के पहले बेड़े को 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था और भारत ने बाद के दशकों में 700 से अधिक मिग-वैरिएंट के विमान खरीदे थे। भारतीय वायुसेना में केवल तीन मिग -21 स्क्वाड्रन काम कर रहे हैं और उन सभी को 2025 की शुरुआत में चरणबद्ध तरीके से हटा दिया जाएगा।
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