आखिर जेल अफसरों की तमाम गलतियों को क्यों माफ़ कर रहा है शासन ?
मैनपुरी जेल अधीक्षक को मिली क्लीन चिट, आखिर जेल अफसरों की तमाम गलतियों को क्यों माफ़ कर रहा है शासन ?
Sandesh Wahak Digital Desk/Rakesh Yadav: शासन जेल अफसरों को तमाम गलतियों के बाद भी बचाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रख रहा है। राजधानी की जिला जेल में दर्जनों की संख्या में गंभीर घटनाएं होने के बाद किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसी प्रकार आंबेडकर जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में मातहत कार्मियों के बदसलुकी करने वाली मैनपुरी जेल अधीक्षक को भी क्लीन चिट दे दी गई है। यह मामला विभागीय अफसरों में चर्चा है कि विषय बना हुआ है। चर्चा है कि ऊंची पहुंच और जुगाड़ वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई ही नहीं होती है।
बीते दिनों वीडियो वायरल होने को लेकर प्रदेश की मैनपुरी जेल सुर्खियों में रही। इस जेल के परिसर में आंबेडकर जयंती के मौके पर जेलकर्मियों की ओर से समारोह का आयोजन किया गया था। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में मैनपुरी जिला जेल अधीक्षक को आमंत्रित किया गया था। बताया गया है मुख्य अतिथि अधीक्षक ने आयोजन से संतुष्ट नहीं दिखाई दीं। इस पर मंच पर उनका गुस्सा फूट गया। इस दौरान उन्होंने मंच से ही मातहत सुरक्षा कर्मियों के लिए अपशब्दों का भी प्रयोग किया।
विडियो वायरल होने के बाद मैनपुरी से लेकर लखनऊ तक हड़कंप
मंच का वीडियो वायरल होने पर विभागीय अधिकारियों में हडक़ंप मच गया। इसकी शिकायत विभाग के मुखिया के पास पहुंची। उन्होंने इस मामले की जांच कराने की बात कही। सूत्रों का कहना है कि आईजी जेल ने मामले की जांच विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को सौंपी। करीब एक हफ्ते के बाद जांच रिपोर्ट जेल मुख्यालय को भेजी गई।
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जेल परिसर में ऐसा कोई मामला ही नहीं हुआ। इसके साथ ही इस संबंध में कोई भी मातहत कर्मचारी बयान देने को तैयार नहीं हुआ। यह हवाला देते हुए आरोपी जेल अधीक्षक को क्लीन चिट दे दी गई।
गौरतलब है कि राजधानी की जिला जेल में दो खूंखार कैदियों की फरारी, गल्ला गोदाम से 35 लाख रुपए की नगद धनराशि बरामद होन, बंगलादेश से जेल के बंदियों की फडिंग, विदेशी कैदी समेत तीन बंदियों की गलत रिहाई, सनसाइन सिटी मामले में पावर ऑफ अटार्नी जेल से बाहर जाने और बंदियों की पिटाई से घायल बंदीरक्षक की मौत होने जैसी तमाम घटनाएं होने के बाद भी शासन व जेल मुख्यालय की ओर से जेल के किसी भी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
वहीं, विभागीय जानकारों का कहना है कि विभाग में निरीह अधिकारियों की जेलों पर मामूली घटनाएं हो जाने के बाद तुरंत कार्रवाई कर दी जाती है, वहीं ऊंची पहुंच और सेटिंग गेटिंग में माहिर अधिकारियों के खिलाफ गंभीर घटनाएं होने के बाद भी कार्रवाई नहीं होती है। यह उसका जीता जागता उदाहरण है।
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