पुलिस हिरासत में अधिवक्ता की मौत मामला, एसपी के खिलाफ दायर किया अवमानना वाद
Gonda News: पुलिस हिरासत के दौरान अधिवक्ता राजकुमार लाल श्रीवास्तव की मौत के मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने निष्पक्ष विवेचना के लिए वादी के प्रतिवेदन पर दो सप्ताह में निर्णय लेने का आदेश दिया था। इस पर अमल न होने पर याची ने एसपी के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना वाद दाखिल किया है। अदालत ने नोटिस जारी कर एसपी से जवाब मांगते हुए आगामी 26 अक्तूबर 2023 को सुनवाई की तारीख तय की है।
गोंडा जिले के गायत्रीपुरम कॉलोनी निवासी पवन श्रीवास्तव ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में याचिका दाखिल की है। जिसमें कहा है कि नगर कोतवाली पुलिस की हिरासत के दौरान उनके भाई अधिवक्ता राजकुमार लाल श्रीवास्तव की मौत के मामले में 20 मई 2023 को सिविल लाइंस चौकी के तत्कालीन प्रभारी रजनीश द्विवेदी समेत छह पुलिसकर्मियों के खिलाफ नगर कोतवाली में केस दर्ज कराया था।
मगर पुलिसकर्मियों के आरोपी होने के कारण विवेचक दबाव में हैं। सही ढंग से विवेचना नहीं कर रहे हैं। ऐसे में किसी अन्य थाने, सीबीआई अथवा सीबीसीआईडी से विवेचना कराने पर ही उसे न्याय मिलेगा। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा और नरेंद्र कुमार जौहरी ने याची के कथन, मामले के तथ्य एवं परिस्थितियों पर विचार कर 31 जुलाई 2023 को निर्णय सुनाते हुए एसपी गोण्डा को प्रकरण स्वयं देखने व दो सप्ताह में याची का प्रतिवेदन निस्तारित करने का आदेश दिया था।
एसपी अंकित मित्तल के खिलाफ उच्च न्यायालय में अवमानना वाद दाखिल
वादी पवन श्रीवास्तव ने बताया कि अदालत के आदेशानुसार उन्होंने 4 अगस्त 2023 को उच्च न्यायालय के आदेश की प्रति के साथ प्रतिवेदन देकर विवेचना स्थानीय पुलिस से हटाकर किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराने की मांग की लेकिन एसपी ने हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया। इस पर विवश होकर अधिवक्ता दिनेश कुमार सिंह के माध्यम से एसपी अंकित मित्तल के खिलाफ उच्च न्यायालय में अवमानना वाद दाखिल किया।
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति राजेश सिंह चौहान ने आदेश के अनुपालन के संबंध में एसपी से विशेष रिपोर्ट मंगाकर न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता सुनील वाजपेयी को दिया है। न्यायालय ने इस मामले में आगामी 26 अक्तूबर 2023 को सुनवाई की तिथि निश्चित की है।
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