एशियाई खेलों में 634 खिलाड़ियों को मिली मंजूरी, बजरंग पूनिया का नाम लिस्ट में शामिल
Sandesh Wahak Digital Desk: खेल मंत्रालय ने 23 सितंबर से शुरु होने वाले हांगझोउ एशियाई खेलों में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को रिकॉर्ड 634 भारतीय खिलाड़ियों को मंजूरी दी। पिछले 2018 जकार्ता एशियाड में भारत के 572 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट के लिए 850 खिलाड़ियों के नाम की सिफारिश की थी।
ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा का 65 खिलाड़ियों का दल सबसे बड़ा है, जिसमें 34 पुरुष और 31 महिलायें शामिल हैं। एशियाई खेलों की 38 स्पर्धाओं के लिए खिलाड़ियों को चुना गया है, जिसमें कुल 44 फुटबॉलर (22 पुरुष और 22 महिला) शामिल हैं। हॉकी का दल तीसरे नंबर पर है, जिसमें 36 खिलाड़ी शामिल हैं।
खेल मंत्रालय ने पुरुष और महिला वर्ग से 18-18 खिलाड़ी चुने हैं। पुरुष और महिला क्रिकेट टीम में 15-15 सदस्य मौजूद हैं। निशानेबाजी में भारत निरंतर शानदार प्रदर्शन करता रहा है जिसमें 30 सदस्यीय दल हांगझोउ में निशाना लगायेगा और नौकायन से 33 खिलाड़ियों को मंजूरी मिली है।
मंत्रालय ने भारोत्तोलन, जिम्नास्टिक्स, हैंडबॉल और रग्बी में किसी भी पुरुष खिलाड़ी को जगह नहीं दी है। कुराश (मार्शल आर्ट) और भारोत्तोलन (दोनों महिलायें) में दो खिलाड़ियों को मंजूरी मिली है जबकि सूची में एक ही जिम्नास्ट शामिल है।
मंत्रालय ने आईओए के तदर्थ पैनल के पहलवान बजरंग पूनिया (65 किग्रा) के नाम की सिफारिश के फैसले के अनुसार चलते हुए उनका नाम सूची में शामिल किया है। बजरंग पिछले महीने एशियाड ट्रायल्स खेले बिना टीम में चुने गये।
विशाल कालीरमन इस वजन वर्ग में ट्रायल्स में विजेता रहे थे और उन्होंने मंत्रालय ने अपना नाम इसमें शामिल करने की अपील की है। बजरंग ने हालांकि संकेत दिया है कि वह एशियाई खेलों से हट सकते हैं, अगर खाप पंचायत उन्हें ऐसा करने के लिए कहेगी।
पहलवान अंतिम पंघाल (53 किग्रा) का नाम सूची में शामिल है क्योंकि 2018 जकार्ता एशियाड स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट ने घुटने की चोट के कारण हटने का फैसला किया जिन्हें ट्रायल्स में छूट देते हुए सीधे प्रवेश दिया गया था।
भारतीय शतरंज खिलाड़ी कोनेरु हम्पी शतरंज की मजबूत टीम का हिस्सा हैं जिसमें डी हरिका और आर प्रज्ञानानंदा शामिल हैं। 2006 में दो एशियाड स्वर्ण पदक विजेता हम्पी ने साल के शुरू में संकेत दिया था कि वह शायद इस महाद्वीपीय टीम का हिस्सा नहीं हों।