किसान यूनियन की पंचायत: प्रदेश सरकार से एमएसपी और कर्ज मुद्दे पर कार्रवाई की मांग

Sandesh Wahak Digital Desk: आज बरेली जिले में भारतीय किसान यूनियन टिकैत की एक महत्वपूर्ण पंचायत आंवला में आयोजित की गई, जिसमें सरकार की गेहूं खरीद नीति पर गंभीर विचार-विमर्श हुआ। इस पंचायत में प्रमुख रूप से वर्ष 2024-25 के दौरान प्राइवेट बाजार में व्यापारी द्वारा 2200 रुपये प्रति कुंटल तक गेहूं खरीदी जाने और किसान के गेहूं की खरीद कीमत को लेकर कई सवाल उठाए गए। किसानों ने मांग की कि सरकार स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के तहत गेहूं का मूल्य 4500 रुपये प्रति कुंटल तय करे।

किसान यूनियन ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार किसानों का गेहूं लूटने की योजना बना रही है। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की सरकारें किसानों को बोनस देकर 2700 रुपये प्रति कुंटल तक खरीद रही हैं, जबकि उत्तर प्रदेश में किसानों को केवल 2425 रुपये प्रति कुंटल मिलेंगे। इसके अलावा, जिला से बाहर गेहूं नहीं भेजे जाने और एमएसपी से अधिक कीमत पर खरीद करने वाले व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाने की भी आलोचना की गई।

कर्ज़ माफी पर भी उठे सवाल

किसान यूनियन ने सहकारी समितियों और बैंकों का कर्जा चुकाने में समस्या उठाते हुए कहा कि सरकार ने विजय माल्या, मेहुल चौकसी और नीरव मोदी जैसे अरबों रुपये का कर्जा माफ करने वाले उद्योगपतियों के कर्ज का वसूलने का कोई ठोस तरीका नहीं अपनाया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब छोटे किसानों के 50,000 रुपये के कर्ज पर सिविल खराब हो जाती है, तो उद्योगपतियों के मामले में सरकार के इस भेदभावपूर्ण रवैये पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।

सांसदों के वेतन और अन्य मुद्दे

किसान यूनियन ने सांसदों के वेतन और पेंशन में 24% की वृद्धि का भी विरोध किया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब देश कर्ज में डूब रहा है, तो सांसदों ने इस बढ़ोतरी का विरोध क्यों नहीं किया। इसके अलावा, यूनियन ने सरकार से वन नेशन वन चुनाव के अलावा, वन एजुकेशन और वन पाठ्यक्रम को भी लागू करने की सिफारिश की।

स्कूलों में किताबों और कापियों की लूट की रोकथाम की मांग

वहीं, इंग्लिश मीडियम स्कूलों में किताबों और कापियों के नाम पर हो रही लूट को लेकर भी चिंता जताई गई। यूनियन ने सुझाव दिया कि सभी दुकानों पर किताबें, कापियां और पाठ्यक्रम उपलब्ध हों ताकि अभिभावकों को स्कूल द्वारा निर्धारित दुकानों से खरीदने के लिए मजबूर न किया जाए।

बिजली और सिंचाई की समस्याएं भी उठीं

किसान यूनियन ने बरेली में बिजली के पुराने शेड्यूल की बहाली की मांग की। यूनियन ने कहा कि सिंचाई के लिए बिजली का शेड्यूल सुबह 5:15 से 10:15 बजे तक और शाम 4:00 बजे से 6:00 बजे तक किया जाए, जैसा कि पहले था। किसान यूनियन ने इन मुद्दों पर सख्त कार्रवाई की मांग की और सरकार से किसानों के हितों की रक्षा करने की अपील की।

Also Read: ‘ममता बनर्जी को भेजेंगे जेल…’, सुप्रीम कोर्ट के शिक्षक भर्ती फैसले पर बीजेपी का टीएमसी पर बड़ा हमला

Get real time updates directly on you device, subscribe now.