यूपी के नामचीन बिल्डरों के आगे पानी भरती हैं शीर्ष एजेंसियां
वर्षों से हजारों निवेशकों की गाढ़ी कमाई नहीं हो रही वापस, सम्पत्तियों व प्रमुख जिम्मेदारों पर मेहरबानी
Sandesh Wahak Digital Desk: आशियाने का ख्वाब दिखाकर नामचीन बिल्डरों ने जरूरतमंदों की हजारों करोड़ की गाढ़ी कमाई ठगी है। बड़े बिल्डरों के खिलाफ सीबीआई, आयकर और ईडी से लेकर राज्य स्तरीय एजेंसियां तक लम्बे समय से जांच कर रही हैं। यूपी रेरा ने भी अरबों की वसूली के लिए आरसी जारी कर रखी है। फिर भी नामी बिल्डरों की सेहत पर फर्क नहीं पड़ा। इसके पीछे कारण प्रमुख जिम्मेदारों की गिरफ्तारी नहीं होना है। नामचीन बिल्डरों के प्रोजेक्टों में रसूखदारों की काली कमाई का भरपूर निवेश है।
सबसे पहला नाम अंसल एपीआई और अंसल हाउसिंग का है। फाइलों में इस बिल्डर के काले कारनामों के खिलाफ ईडी से लेकर सीबीआई तक जांचें कर रही हैं। तकरीबन चार सैकड़ा मुकदमों के बावजूद अंसल एपीआई के कर्ताधर्ता बेख़ौफ हैं।
2019 में कम्पनी के वीपी प्रणव अंसल की गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई। करीब ढाई वर्षों से ईडी चुप्पी साधे हैं। अंसल हाऊसिंग ने तो आशियाना में करोड़ों की सरकारी भूमि हड़पी थी। दोनों के खिलाफ अफसर करोड़ों का जुर्माना वसूलना भी जरुरी नहीं समझते।
अब बारी शाइन सिटी घोटाले की है। तकरीबन साठ हजार करोड़ के घोटाले का मास्टरमाइंड राशिद नसीम दुबई में बैठकर जमीनों की खरीद फरोख्त खुलेआम कर रहा है। शीर्ष एजेंसियां भगोड़े के प्रत्यर्पण में लाचार हैं। रोहतास बिल्डर की सौ से ज्यादा सम्पत्तियां दो साल पहले लखनऊ पुलिस ने जब्त करने का फरमान सुनाया था। 400 से ज्यादा केस दर्ज हैं। निवेशकों को अभी तक उनकी गाढ़ी कमाई वापस नहीं मिल सकी है। एमआई ग्रुप पर आयकर की छापेमारी से आईएएस के भ्रष्ट तंत्र का खुलासा हुआ। सम्पत्तियां जब्त करने से एजेंसियों को परहेज है।
यूपी रेरा के फॉरेंसिक ऑडिट में हुआ था खुलासा
यूपी रेरा के फॉरेंसिक ऑडिट में खुलासा हुआ था कि एक-एक बिल्डर ने 500 से 800 करोड़ तक ठगी की है। सिर्फ लखनऊ में हजारों करोड़ हड़पे गए। गत वर्ष छह हजार लोग तीन हजार करोड़ की रकम की वापसी के लिए रेरा पहुंचे थे। रेरा द्वारा दस हजार से ज्यादा वसूली प्रमाणपत्र (आरसी) जारी होने के बावजूद निवेशक खून के आंसू रोने को मजबूर हैं। प्रशासनिक अफसर भी बिल्डरों से वसूली नहीं कर पा रहे हैं।
अतीक के करीबी अरबपति बिल्डर मो. मुस्लिम को किसका संरक्षण?
माफिया अतीक अहमद ने प्रयागराज के हिस्ट्रीशीटर अरबपति बिल्डर मोहम्मद मुस्लिम के प्रोजेक्टों में खूब काली कमाई खपाई है। उसको भी बख्श दिया गया है। पूर्व में प्रयागराज, लखनऊ, कानपुर और बहराइच में 20 से ज्यादा बड़े प्रोजेक्ट चिन्हित होने के बावजूद कार्रवाई ठप है। एलडीए ने दो साल पहले डालीगंज में वली ब्रदर्स अपार्टमेंट पर बुलडोजर चलाया, उसके बाद किस बड़े अफसर के इशारों पर सब शांत बैठ गए। ये गंभीर प्रश्न है।
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