भारत में Meta को बड़ी राहत, WhatsApp पर नहीं लगेगा बैन, जाने क्या है मामला
Sandesh Wahak Digital Desk : अरबपति कारोबारी मार्क जुकरबर्ग के नेतृत्व वाली मेटा कंपनी ने गुरुवार को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा वॉट्सऐप पर लगाए गए प्रतिबंध पर रोक लगाने के राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) के फैसले का स्वागत किया। मेटा ने कहा कि वह इस फैसले का मूल्यांकन कर अगले कदम की योजना बनाएगी। सीसीआई ने वॉट्सऐप की डेटा शेयरिंग प्रैक्टिस को लेकर उसे पांच साल के लिए बैन कर दिया था।
मेटा का बयान और आगे की योजना
मेटा के एक प्रवक्ता ने बयान जारी करते हुए कहा, “हम CCI के आदेश पर आंशिक रोक लगाने के एनसीएलएटी के फैसले का स्वागत करते हैं।” उन्होंने आगे कहा, “हम अगले कदम के लिए इस आदेश का मूल्यांकन करेंगे, लेकिन हमारा ध्यान आगे के रास्ते पर रहेगा, जो उन लाखों व्यवसायों का समर्थन करेगा जो हमारे प्लेटफॉर्म पर विकास और इनोवेशन के लिए निर्भर हैं। साथ ही, हम अपने उपयोगकर्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाला अनुभव प्रदान करना जारी रखेंगे, जिसकी वे वॉट्सऐप से उम्मीद करते हैं।”
एनसीएलएटी का निर्णय और जुर्माना
न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली एनसीएलएटी पीठ ने सीसीआई द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर रोक लगाते हुए कहा कि इस फैसले से वॉट्सऐप के कारोबारी मॉडल में बाधा आ सकती है। भारत में वॉट्सऐप के 500 मिलियन से अधिक मंथली एक्टिव यूजर्स हैं। साथ ही, एनसीएलएटी ने मेटा को सीसीआई द्वारा लगाए गए 213 करोड़ रुपये के जुर्माने का 50 प्रतिशत दो सप्ताह के भीतर जमा करने का आदेश भी दिया है। मेटा ने पहले ही जुर्माने का 25 प्रतिशत भुगतान कर दिया है।
डेटा सुरक्षा कानून से जुड़ी उम्मीदें
पिछले हफ्ते, एनसीएलएटी ने मेटा और वॉट्सऐप की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था, जिसमें सीसीआई के उस आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई थी, जिसमें मेटा पर बाजार में अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया गया था। एनसीएलएटी ने यह भी कहा कि भारत में आगामी डेटा सुरक्षा कानून डेटा गोपनीयता से संबंधित चिंताओं को हल कर सकता है।