Budget 2025: टैक्‍स स्लैब में बदलाव, सीनियर सिटीजन को छूट, इस बजट में हो सकते हैं ये बड़े ऐलान

Budget 2025 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी कार्यकाल का आगामी बजट 1 फरवरी को पेश करेंगी, जिसे लेकर टैक्‍सपेयर्स और आम लोगों को बेसब्री से इंतजार है. खास तौर पर इनकम टैक्‍स (Income Tax) कैटेगरी में दिलचस्पी है, जहां लोग यह देखना चाहते हैं कि क्या आम आदमी पर बोझ कम करने के लिए कोई बदलाव की घोषणा की जाएगी? लोगों को वित्त मंत्री से कुछ चीजों को लेकर ज्‍यादा उम्‍मीदें हैं. ऐसे में संभव है कि बजट 2025 में कुछ बड़े ऐलान किये जा सकते हैं. आइए जानते हैं इस बजट से आम आदमी और टैक्‍सपेयर्स को क्‍या खास उम्‍मीदें हैं.

इस साल के बजट को लेकर अटकलें टैक्स स्लैब में संभावित बदलाव और नए राहत उपायों की शुरूआत पर फोकस हैं. इसके अलावा, पुरानी टैक्‍स व्यवस्था (Old Tax Regime) में उच्च कटौती शामिल किए जाने की उम्मीद है. विशेषज्ञों का सुझाव है कि सरकार को धारा 80TTA (बचत खाते के ब्याज) के तहत कटौती की सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20,000 रुपये करने पर विचार करना चाहिए. इसी तरह, वे धारा 80TTB के तहत सीनियर सिटीजन के लिए कटौती की सीमा को बढ़ाने की सिफारिश करते हैं, जो वर्तमान में 50,000 रुपये (फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट ब्याज के लिए) है, जिसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया जाना चाहिए.

बचत ब्याज के लिए कटौती

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80TTA, व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUF) को बैंकों, सहकारी बैंकों या डाकघरों में रखे गए सेविंग अकाउंट्स से मिले ब्याज इनकम पर 10,000 रुपये तक की कटौती प्रदान करती है. यह कटौती 60 वर्ष से कम आयु के व्यक्तियों और HUF पर लागू होती है. हालांकि, यह फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट या रेकरिंग डिपॉजिट (RD) से मिले ब्‍याज पर लागू नहीं होती है.

धारा 80TTA के तहत व्यक्तियों और HUF के लिए बचत बैंक खातों पर ब्याज आय के लिए कटौती की सीमा 10,000 रुपये बनी हुई है. वित्तीय वर्ष 2012-13 में इसकी शुरूआत के बाद से इस लिमिट में बदलाव नहीं हुआ है. ऐसे में इसमें कुछ बदलाव की उम्‍मीद की जा रही है.

सीनियर सिटीजन के लिए क्‍या हो सकता है?

धारा 80TTA के विपरीत, धारा 80TTB विशेष रूप से सीनियर सिटीजन के लिए बनाई गई है और कई प्रकार की ब्याज इनकम पर कटौती की एक व्यापक श्रृंखला प्रदान करती है. सीनियर सिटीजन धारा 80TTB के तहत सेविंग, फिक्‍स्‍ड और रेकरिंग डिपॉजिट से मिले इनकम पर कटौती का लाभ उठा सकते हैं, जिससे उन्हें 50,000 रुपये तक की टैक्‍स छूट मिलती है.

यह कटौती बचत और फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट समेत बैंक डिपॉजिटर्स से होने वाली ब्याज इनकम के साथ-साथ पोस्‍ट ऑफिस डिपॉजिटर्स पर भी लागू होती है, जो सुरक्षित निवेश पर भरोसा करने वाले सीनियर सिटीजन को वित्तीय लाभ प्रदान करती है. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बॉन्ड और डिबेंचर से अर्जित ब्याज इस कटौती के लिए योग्य नहीं है.

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