Budget 2025 से पहले सरकारी बैंकों के अधिकारियों के साथ मीटिंग करेगा वित्त मंत्रालय, सरकारी योजनाओं की होगी समीक्षा

Budget 2025 : वित्त वर्ष 2025-26 के लिए union budget से कुछ सप्ताह पहले, वित्तीय सेवा विभाग के सेक्रेटरी एम. नागराजू 15 जनवरी को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मैनेजिंग डायरेक्टर्स और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर्स के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक का उद्देश्य आर्थिक समावेशन योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना और आगामी बजट के मद्देनजर भविष्य की फंडिंग की जरूरतों पर चर्चा करना है।

सूत्र ने कहा, “बैठक में DFS के तहत प्रमुख सरकारी पहलों के कार्यान्वयन का मूल्यांकन करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, इसमें अन्य आर्थिक मुद्दों पर बात करने और इन योजनाओं के लिए फंडिंग की जरूरतों की पर चर्चा हो सकती है।”

सूत्र ने आगे संकेत दिया कि सरकार प्रधानमंत्री जन धन योजना, स्टैंड अप इंडिया योजना, अटल पेंशन योजना, मुद्रा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना जैसे कार्यक्रमों के लिए सहायता और अतिरिक्त फंडिंग देने विचार कर सकती है।

SIDBI और मुद्रा के अधिकारी भी लेंगे भाग

सूत्रों ने बताया कि बैठक में भारतीय बैंकिंग संघ के अध्यक्ष, SIDBI के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, मुद्रा लिमिटेड के CEO, नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड (NCGTC) लिमिटेड के CEO और नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर के सीनियर डायरेक्टर भी शामिल होंगे।

एक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकर ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, “कुछ बैंकरों ने आगामी बैठक में सावधि जमा कराधान से संबंधित लंबित मुद्दों पर चर्चा करने की आवश्यकता जताई है। चूंकि यह बैठक बजट से ठीक पहले हो रही है, इसलिए हम इसे महत्वपूर्ण मानते हैं।” इसके अलावा, DFS सेक्रेटरी आज 8 जनवरी को माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (MFI) से भी मिलेंगे।

बैठक में भाग लेने वाले एक MFI एग्जिक्यूटिव ने कहा, “हम सरकार से आगामी केंद्रीय बजट में एक समर्पित फंडिंग विंडो और एक मजबूत क्रेडिट गारंटी तंत्र स्थापित करने का आग्रह करेंगे, क्योंकि मध्यम आकार और छोटे MFI के लिए पूंजी तक पहुंच एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी हुई है। उधार लेने की बढ़ती लागत लगातार बोझ बन रही है। MFI के लिए एक समर्पित फंड बनाकर या क्रेडिट गारंटी प्रणाली को लागू करके, हम इन संस्थानों को बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं से आवश्यक वित्तपोषण प्राप्त करने के लिए सशक्त बना सकते हैं।”

Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana (PMJDY): Eligibility criteria, minimum  balance and other benefits | Zee Business

PMJDY की 2014 में हुई थी शुरुआत

28 अगस्त, 2014 को शुरू की गई, प्रधान मंत्री जन धन योजना (PMJDY) का उद्देश्य बैंकिंग सेवाओं तक हर घर की पहुंच के साथ पूरे भारत में व्यापक वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करना है। यह योजना बिना किसी न्यूनतम राशि के बुनियादी बैंक खाते, 2 लाख रुपये के दुर्घटना बीमा के साथ आने वाले मुफ्त रुपे डेबिट कार्ड और 10,000 रुपये तक की ओवरड्राफ्ट सुविधाएं देती है। 20 नवंबर 2024 तक, PMJDY ने 2.4 ट्रिलियन रुपये की कुल जमा राशि के साथ 54.03 करोड़ खाते पंजीकृत किए हैं, जिसमें 30.07 करोड़ खाते (55.7 प्रतिशत) महिलाओं के पास हैं और 35.95 करोड़ खाते (66.6 प्रतिशत) ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं।

इसके साथ ही इसने 36.92 करोड़ RuPay कार्ड जारी किए गए हैं। इसके पूरक के रूप में, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) 18 से 70 वर्ष की आयु के व्यक्तियों के लिए एक साल की व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना उपलब्ध है, जिसमें केवल 20 रुपये के वार्षिक प्रीमियम पर 2 लाख रुपये का मृत्यु लाभ और 1 लाख रुपये का स्थायी और आंशिक विकलांगता के लिए लाभ मिलता है।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) में 21.67 करोड़ व्यक्तियों को नामांकित किया गया है, जिसमें 8,93,277 दावे प्राप्त हुए और 8,60,575 सफलतापूर्वक वितरित किए गए, जिससे 17,211.50 करोड़ रुपये का लाभ हुआ, जो जीवन बीमा कवरेज पर इसके प्रभाव को दिखाता है।

इसके अलावा, मुद्रा योजना ने 50.31 करोड़ खातों को मंजूरी दी है, जिसमें 31.28 ट्रिलियन रुपये की स्वीकृत राशि है, जिसमें से 30.55 ट्रिलियन रुपये वितरित किए गए हैं। अंत में, स्टैंड-अप इंडिया योजना ने 2.52 लाख खातों को मंजूरी दी है, जिनमें से 76 प्रतिशत खाते महिला उद्यमियों द्वारा खोले गए हैं, जो कम प्रतिनिधित्व वाले समूहों के बीच उद्यमशीलता और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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