Papaya Reduces Uric Acid: यूरिक एसिड को प्राकृतिक तरीके से कम करता है पपीता, जानें इसका सेवन करने के फायदे और तरीका
Papaya Reduces Uric Acid: आज के समय में बढ़ती जीवनशैली से जुड़ी समस्याओं में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ना एक आम समस्या बन गई है। इसे मेडिकल भाषा में हाइपरयूरिसीमिया कहा जाता है। यूरिक एसिड का बढ़ना शरीर के जोड़ों में तेज दर्द, सूजन और गाउट जैसी समस्याओं को जन्म देता है। खासकर घुटनों और अन्य जोड़ों में इतना दर्द होता है कि उठने-बैठने में भी समस्या होने लगती है। ऐसे में पपीता, खासकर कच्चा पपीता, यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में आपकी मदद कर सकता है।
कच्चा पपीता कैसे करता है यूरिक एसिड को कम?
कच्चे पपीते में विटामिन-सी, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में यूरिक एसिड को प्राकृतिक रूप से कम करते हैं। इसमें मौजूद एंजाइम पपाइन साइटोकींस नामक प्रोटीन का उत्पादन बढ़ाता है, जो सूजन को कम करने और दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। पपीते में फाइबर भी होता है, जो शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में सहायक है।
पपीता सेवन के तरीके
यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए कच्चे पपीते का जूस या काढ़ा बनाया जा सकता है।
काढ़ा बनाने का तरीका
1. 2 लीटर पानी को उबालें।
2. एक कच्चे पपीते को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटें और उसके बीज निकाल लें।
3. इन टुकड़ों को उबलते पानी में डालें और 5 मिनट तक उबालें।
4. इसमें 2 चम्मच ग्रीन टी डालकर 2 मिनट तक और उबालें।
5. इस काढ़े को छानकर दिन में 3-4 बार पिएं।
स्वास्थ्य के लिए पपीता क्यों जरूरी?
प्रतिदिन पपीते का सेवन न केवल यूरिक एसिड को नियंत्रित करता है, बल्कि यह पाचन तंत्र को बेहतर बनाने और इम्यूनिटी को मजबूत करने में भी कारगर है। पपीते में मौजूद पोषक तत्व आपकी सेहत को कई अन्य बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं।