भारत में AI के प्रति उत्साह, लेकिन सुरक्षा संबंधी चिंताएँ बरकरार: डेलॉयट रिपोर्ट

Sandesh Wahak Digital Desk : भारत में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के प्रति उत्साह बेहद अधिक है, लेकिन इसके साथ जुड़ी सुरक्षा चिंताएँ भी काफी गहरी हैं। डेलॉयट एशिया पैसिफिक (Deloitte Asia Pacific) की रिपोर्ट “AI at Crossroads: Building Trust as a Path to Scale” के अनुसार, भारत में 92 प्रतिशत कंपनी के शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि AI को अपनाने में सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षा संबंधित समस्याएँ हैं। यह रिपोर्ट भारत में तेजी से बढ़ते AI परिदृश्य में विश्वास बनाने और जोखिमों को कम करने के लिए एक मजबूत ढांचे की आवश्यकता को रेखांकित करती है। इस सर्वेक्षण में 900 वरिष्ठ अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की गई है।

साइबर सुरक्षा और डेटा गोपनीयता पर चिंता

रिपोर्ट के अनुसार, 92 प्रतिशत भारतीय अधिकारी AI को अपनाने में सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं को प्राथमिक चिंता मानते हैं, जिनमें हैकिंग और साइबर फ्रॉड जैसी समस्याएँ शामिल हैं। वहीं, 91 प्रतिशत अधिकारियों ने AI के उपयोग में संवेदनशील डेटा की गोपनीयता से संबंधित जोखिमों को लेकर चिंता जताई है। इसके अतिरिक्त, 89 प्रतिशत ने रेगुलेटरी अनिश्चितताओं और अनुपालन आवश्यकताओं को AI एकीकरण की राह में बड़ी बाधा बताया है।

यह चिंताजनक आंकड़ा इस बात की ओर इशारा करता है कि भारतीय संगठनों को AI के जोखिमों से निपटने के लिए मजबूत सुरक्षा ढांचे की आवश्यकता है। दिलचस्प बात यह है कि आधे से अधिक टेक्नोलॉजी अधिकारी यह मानते हैं कि उनके संगठन AI-संबंधी खतरों से निपटने के लिए तैयार नहीं हैं।

स्किल डेवलपमेंट और मजबूत ढांचे की आवश्यकता

डेलॉयट इंडिया के साझेदार जयंत सरन ने इस संदर्भ में कहा कि भारतीय कंपनियों को AI को अपने मौजूदा प्रणालियों में सहजता से एकीकृत करने की दिशा में कदम बढ़ाने होंगे। इसके लिए उन्हें प्रौद्योगिकी और ज्ञान के अंतराल को पाटने के लिए निरंतर स्किल डेवलपमेंट और इंटर-फंक्शनल सहयोग की आवश्यकता होगी।

उन्होंने कहा कि एआई के सुरक्षित और प्रभावी उपयोग को बढ़ावा देने के लिए मजबूत ढांचे और नैतिक प्रथाओं को अपनाना बेहद महत्वपूर्ण है। इससे न केवल व्यवसाय जोखिमों को कम किया जा सकता है, बल्कि एआई के माध्यम से नवाचार, प्रतिष्ठा और आत्मविश्वास को भी बढ़ावा दिया जा सकता है।

भारत में एआई के प्रति उत्साह स्पष्ट है, लेकिन इसके सफल और सुरक्षित इस्तेमाल के लिए सुरक्षा, गोपनीयता और रेगुलेटरी समस्याओं पर गंभीर विचार किए जाने की आवश्यकता है। कंपनियों को एआई से जुड़े जोखिमों को समझते हुए इसके संभावित लाभों को अधिकतम करने के लिए एक मजबूत ढांचे और निरंतर स्किल उन्नयन पर ध्यान देना होगा।

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