Narayana Murthy ने 70 घंटे के वर्क वीक के पक्ष में फिर किया समर्थन, युवाओं की यह अपील
Narayana Murthy News : आईटी उद्योग के दिग्गज और इन्फोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने एक बार फिर भारत में 70 घंटे के कामकाजी सप्ताह की संस्कृति की आवश्यकता पर जोर दिया है। भारतीय चैंबर ऑफ कॉमर्स के शताब्दी समारोह में बोलते हुए मूर्ति ने भारतीय युवाओं से कड़ी मेहनत को अपनाने और देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचाने में मदद करने की अपील की।
मूर्ति ने भारतीय युवाओं से कहा कि वे खुद का और अपने देश का सम्मान अर्जित करने के लिए मेहनत और प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करें।
उन्होंने कहा, “मैं युवा पीढ़ी से आग्रह करता हूं कि वे समझें कि हमारे स्वतंत्रता संग्राम के संस्थापक नेताओं का सपना पूरा करने की जिम्मेदारी हम पर है। हमारे ऊपर एक बड़ी जिम्मेदारी है, जैसा कि शास्त्रों में कहा गया है। हमें उन लोगों के लिए अवसर बनाने के लिए निष्पक्षता और न्याय दिखाना होगा, जो आज भी दुर्बल हैं। इसलिए हमें कड़ी मेहनत करनी होगी।”
“कंपैशनेट कैपिटलिज़्म” का समर्थन
इन्फोसिस के संस्थापक ने उद्यमियों से “कंपैशनेट कैपिटलिज़्म” अपनाने का आग्रह भी किया। उनका कहना था कि व्यवसाय केवल मुनाफा अर्जित करने के लिए नहीं होते, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी होते हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का समर्थन
मूर्ति (Narayana Murthy) ने भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के विकास का समर्थन किया और इसे “एक महान समानता लाने वाला” तकनीक बताया। उन्होंने कहा कि तकनीक लागत को कम करने, राजस्व बढ़ाने और लाभप्रदता में सुधार करने में सहायक होती है।
“तकनीक लागत को कम करने और लाभ बढ़ाने के बारे में है। इसके साथ ही, तकनीक एक बड़ी समानता लाती है, जिसे ज्यादातर लोग नहीं समझते। तकनीक वह चीज है जो हमारे समाज के बीच के अंतर को कम करने में मदद करती है। यही वित्तीय समावेशन का भी उद्देश्य है। अगर हम भारत में अंतर को कम करना चाहते हैं, तो हमें तकनीक की जरूरत है,” मूर्ति ने कहा।
मूर्ति ने यह भी कहा कि उनके निजी विचार में कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां AI के बिना काम नहीं चल सकता। उनका मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग स्वचालित कारों, सटीक ऑपरेशनों, रोग की पहचान और खतरनाक कार्यों में किया जा सकता है, जहां मनुष्यों को उच्च जोखिम का सामना करना पड़ता है।
नारायण मूर्ति (Narayana Murthy) ने भारतीय युवाओं को कड़ी मेहनत की अहमियत समझाने के साथ-साथ भारत के विकास के लिए तकनीकी नवाचार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के महत्व पर भी बल दिया। उनका मानना है कि तकनीक और मेहनत का संयोजन भारत को वैश्विक मंच पर सशक्त बनाएगा और समाज के कमजोर वर्गों को बेहतर अवसर प्रदान करेगा।