पिछले दशकों में बदलाव से अछूती रही देश की शिक्षा प्रणाली : मनोज सिन्हा
एलबीएस कॉलेज में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल ने छात्र-छात्राओं तथा शिक्षकों को किया सम्मानित
Sandesh Wahak Digital Desk: गोंडा जिल में सोमवार को श्रीलाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने नई शिक्षा नीति के रूप में देश को एक अनमोल तोहफा दिया है।
मोदी सरकार ने दिया अनमोल तोहफा
उन्होंने इस नीति को शिक्षा प्रणाली में आमूल परिवर्तन का आधार बताया। उपराज्यपाल ने कहा कि दुर्भाग्यवश हमारे देश की शिक्षा प्रणाली पिछले दशकों में बदलाव से अछूती रही। जहां संगीत सुनने के उपकरणों में तीन दशकों में बड़ा बदलाव हुआ है, वहीं हमारी शिक्षा प्रणाली पुरानी स्थिति में अटकी रह गई थी।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शिक्षा को केवल डिग्री प्राप्त करने तक सीमित न रखकर ज्ञान और कौशल के विकास का साधन बताया। श्रीनिवास रामानुजम का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि रामानुजम जैसे महान गणितज्ञ के पास कोई औपचारिक डिग्री नहीं थी, लेकिन उनका योगदान विश्वभर में अमूल्य है। इसका अर्थ है कि शिक्षा केवल औपचारिक प्रमाण पत्रों तक सीमित नहीं होनी चाहिए।
नई शिक्षा नीति अपनाने की आवश्यकता
मनोज सिन्हा ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि संतोष का भाव सृजन के मार्ग में सबसे बड़ा अवरोध है। हमें अपनी सोच को सीमित न रखते हुए मन और मस्तिष्क की खिड़कियां खुली रखनी चाहिए। केवल इसी तरह हम अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकते हैं। सत्य सरोज फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में बीए, बीएससी, बीकॉम, एमए, एमएससी, एमकॉम के छात्रों को उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। साथ ही शिक्षकों को उनके योगदान के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ।
छात्रों का किया उत्साहवर्धन
इस अवसर पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जिलाधिकारी नेहा शर्मा, पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल, कॉलेज प्रबंध समिति की उपाध्यक्ष वर्षा सिंह, सचिव उमेश शाह, प्राचार्य प्रो. रविंद्र कुमार पांडेय ने उपस्थित होकर छात्रों का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा ही बदलाव का असली मंत्र है। यह न केवल व्यक्तित्व निर्माण करती है, बल्कि समाज और देश के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
शिक्षा को समाज में बदलाव लाने का सबसे प्रभावी साधन
कार्यक्रम में प्राचार्य प्रोफेसर रवीन्द्र कुमार पांडेय, प्रोफेसर जितेंद्र सिंह, प्रो. आरबीएस बघेल, प्रो. शैलेंद्र नाथ मिश्र, डॉ रेखा शर्मा, प्रोफेसर वीपी सिंह, प्रोफेसर श्रवण श्रीवास्तव सहित कई शिक्षकगण उपस्थित रहे। सभी ने शिक्षा को समाज में बदलाव लाने का सबसे प्रभावी साधन बताया। कार्यक्रम के समापन के दौरान सभी ने इस बात पर जोर दिया कि नई शिक्षा नीति और शिक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण ही समाज में बदलाव का मार्ग प्रशस्त करेगा।
सत्य सरोज फाउंडेशन के आयोजकों ने कहा कि छात्रों को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित करना उनकी मेहनत को सराहने और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने का महत्वपूर्ण कदम है। इस दौरान महाविद्यालय की अमन चंद्रा, रेखा शर्मा, चमन कौर, रंजन शर्मा, शरद कुमार पाठक, श्याम बहादुर सिंह, जेबी पाल, अभय श्रीवास्तव, विजय सिंह, रामभवन सिंह, राजकुमार माथुर, सतीश दीक्षित, संदीप श्रीवास्तव, अरुण प्रताप सिंह, पुष्य मित्र मिश्र, शिशिर त्रिपाठी, जय शंकर तिवारी आदि प्रोफेसर और कर्मचारी उपस्थित रहे।
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