शीतकालीन सत्र का बढ़ा तापमान, विपक्ष ने धनखड़ को हटाने का फूंका बिगुल, अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी

Sandesh Wahak Digital Desk: संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी दलों का आक्रामक रुख जारी है। अब इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) ने राज्यसभा के सभापति और देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस की पहल पर तैयार इस प्रस्ताव को समाजवादी पार्टी (सपा) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सहित कई विपक्षी दलों का समर्थन मिल चुका है।

सूत्रों के अनुसार, सभापति के खिलाफ इस प्रस्ताव पर 70 सांसदों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। राज्यसभा में सभापति को हटाने के लिए कम से कम 50 सदस्यों के हस्ताक्षर जरूरी होते हैं। प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वालों में सपा और टीएमसी के सांसद भी शामिल हैं, जो हाल के दिनों में विपक्षी गठबंधन की गतिविधियों से दूरी बनाए हुए थे।

दरअसल अविश्वास प्रस्ताव का मुख्य कारण सोमवार को राज्यसभा में जॉर्ज सोरोस के मुद्दे पर हुए हंगामे के दौरान सभापति जगदीप धनखड़ का रुख बताया जा रहा है। विपक्षी दलों का आरोप है कि सभापति ने चर्चा के नियमों का पालन नहीं किया और भाजपा सदस्यों को खुलकर बोलने का मौका दिया। कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह और राजीव शुक्ला ने सभापति पर पक्षपात का आरोप लगाया।

क्या है हटाने की प्रक्रिया?

  • राज्यसभा के सभापति को हटाने के लिए प्रस्ताव की प्रक्रिया संविधान के अनुच्छेद 67(b) और नियम 256 के तहत की जाती है:
  • 50 सदस्यों के हस्ताक्षर के साथ प्रस्ताव राज्यसभा सचिवालय को दिया जाता है।
  • नोटिस देने के 14 दिन बाद प्रस्ताव को सदन में रखा जाता है।
  • प्रस्ताव पर बहुमत के समर्थन से यह पारित होता है।
  • इसके बाद इसे लोकसभा में भी बहुमत से पारित कराना जरूरी होता है।

बता दें कि शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर को समाप्त हो रहा है, इसलिए इस प्रस्ताव पर कार्रवाई के लिए समय बहुत कम है। विपक्षी दल इसे भाजपा पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देख रहे हैं।

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