लखनऊ नगर निगम: कर निर्धारण के फर्जीवाड़े में शामिल ‘खिलाड़ियों’ की जांच शुरू

अपर नगर आयुक्त ने सीटीओ की अध्यक्षता में गठित की जांच कमेटी

Sandesh Wahak Digital Desk: लखनऊ नगर निगम के जोन-सात में तैनाती के दौरान एक व्यावसायिक बिल्डिंग के कर निर्धारण में गड़बड़ी करने वाले राजस्व निरीक्षक व अफसरों के खिलाफ निगम प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। ‘संदेश वाहक’ की खबर का संज्ञान लेकर नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने आदेश दिए थे, जिसपर अपर नगर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव ने एक जांच कमेटी गठित की है।

मुख्य कर निर्धारण अधिकारी (सीटीओ) अशोक सिंह की अध्यक्षता में कर निर्धारण अधिकारी दिव्यांशु पाण्डेय व कर अधीक्षक विनय कुमार मौर्या फर्जीवाड़े की जांच करेंगे। जिसकी रिपोर्ट अपर नगर आयुक्त ने यथाशीघ्र मांगी है।

फर्नीचर डॉट कॉम शोरूम के कर निर्धारण में किया गया बड़ा खेल

गौरलतब है कि नगर निगम जोन-सात के शंकर पुरवा द्वितीय वार्ड के रिंग रोड स्थित फर्नीचर डॉट कॉम शोरूम (529डी/036सीसी)के कर निर्धारण में बड़ा खेल किया गया है। पहले तो वर्ष 2022 में बिल्डिंग पर 1264514 रुपए के बकाया हाउस टैक्स को लेकर नगर निगम कर्मियों ने बिल्डिंग को सील कर दिया था। फिर इसी टैक्स को कम करने के लिए नगर निगम के उच्च अफसरों तक फाइल गई और मार्च 2023 में मामला लगभग 221459 में निपट गया। इस बीच बिल्डिंग एलडीए से सील हो गई।

जिसको भवन स्वामी ने तोड़ कर अपना व्यापार जारी रखा। सीलिंग की आड़ में नगर निगम के अफसर-कर्मचारियों ने खूब फर्जीवाड़ा किया है। नगर निगम के नियम के अनुसार यदि कोई भी बिल्डिंग बंद है तो भवन स्वामी को हर तीन महीने पर उसके बंद होने की सूचना, पत्र के माध्यम से संबंधित जोनल अधिकारी को देनी होती है। उसी को आधार मानकर भवन स्वामी को कर में छूट दी जाती है। बिल्डिंग सील होने की स्थिति में किसी दूसरे विभाग का सीलिंग आदेश मान्य नहीं होता है।

जोन-सात स्थित छह मंजिला फर्नीचर डॉट कॉम शोरूम के कर निर्धारण का मामला

जोन-सात के जोनल अधिकारी आकाश कुमार पहले ही फर्जीवाड़े की आशंका जता चुके हैं। उन्होंने नगर आयुक्त से करीब डेढ़ महीने पहले उच्चस्तरीय जांच कमेटी गठित करने के लिए संस्तुति की थी। मिलीभगत के चलते कुछ कर्मियों ने मामले को दबा लिया था। मामला जब अपर नगर आयुक्त ललित कुमार के संज्ञान में आया तो आनन-फानन में जांच कमेटी के लिए फाइल दौड़ने लगी।

राजस्व निरीक्षक ने किया घालमेल, अफसर भी शामिल

नगर निगम जोन-सात के तत्कालीन राजस्व निरीक्षक प्रभाकर दयाल ने 4200 वर्ग फुट प्लाट पर बनी छह मंजिला बिल्डिंग का एरिया मात्र 18000 दिखाया। कर निर्धारण में बिल्डिंग के एक फ्लोर को नहीं दिखाया गया। एक अप्रैल 2021 से मूल्यांकन कर 45900 रुपए कर लगा दिया गया। कर निर्धारण के वक्त राजस्व निरीक्षक ने यह देखने की जरूरत नहीं समझी की भवन स्वामी सील तोडक़र व्यापार कर रहा है और लगातार वह हजारों रुपए बिजली का बिल जमा कर रहा है। सूत्र बताते हैं कि प्रभाकर दयाल और फर्जीवाड़ें का चोली-दामन का साथ है।

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