यूपी में पान मसाला उत्पादन ठप्प, टैक्स चोरी को लेकर जारी हुए सख्त निर्देश
Sandesh Wahak Digital Desk: प्रदेश में नकली और टैक्स चोरी से आने वाले पान मसाले की बढ़ा सी आ गई है। जिसको लेकर प्रशासन ने सख्स रुख अख्तियार कर लिया है। जिसको लेकर राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के कई जिलों में बनने वाले पान मसाला इकाइयों को बाहर 24 घंटे ड्यूटी लगाने का आदेश जारी हुए हैं। ये आदेश प्रमुख सचिव एम देवराज ने जारी किए हैं।
सख्त निगरानी और ई-वे बिल स्कैनिंग:
- पान मसाला इकाइयों के बाहर 12-12 घंटे की शिफ्ट में अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।
- वाहनों के ई-वे बिल की अनिवार्य स्कैनिंग के निर्देश दिए गए हैं।
- ड्यूटी के दौरान अधिकारियों को बॉडीवॉर्न कैमरा पहनने की अनिवार्यता है।
सख्ती के चलते नकली पान मसाला का प्रसार तीन गुना बढ़ गया है। विभागीय सूत्रों का दावा है कि टैक्स चोरी से अन्य राज्यों से आने वाले माल का प्रवाह बढ़ा है, जिससे लगभग ₹20 करोड़ का रोजाना नुकसान हो रहा है।
सख्ती के कारण पान मसाला इकाइयों में उत्पादन लगभग बंद हो गया है। प्रमुख ब्रांड जैसे कमला पसंद, शिखर, दबंग, केसर, सिग्नेचर, एसएनके, शुद्ध प्लस, तिरंगा और किसान पान मसाला आदि जांच के दायरे में हैं।
इन जिलों में हैं पान मसाला इकाइयां
प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, हरदोई,गाजियाबाद, मेरठ, नोएडा, हापुड़, कानपुर देहात, उन्नाव, श्रावस्ती, गोंडा, बाराबंकी, बहराइच, बलरामपुर, खलीलाबाद, गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, वाराणसी, जौनपुर और मिर्जापुर में पान मसाला इकाइयां है। कुछ उद्यमी अन्य राज्यों (राजस्थान, मध्यप्रदेश, दिल्ली, गुड़गांव) में पलायन की योजना बना रहे हैं।
चेतावनी दी गई है कि एक भी वाहन बिना ई वे बिल की स्कैनिंग के पाया गया तो अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल 30 नवबंर तक इस रोस्टर को लागू किया गया है। व्यापारियों के साथ उचित व्यवहार बनाए रखने पर जोर दिया गया है। यह कदम राजस्व बढ़ाने और टैक्स चोरी रोकने के लिए उठाया गया है, लेकिन इसका नकारात्मक असर पान मसाला उद्योग और संबंधित रोजगार पर पड़ सकता है। नकली पान मसाला की समस्या को नियंत्रित करना प्रशासन के लिए अगली बड़ी चुनौती होगी।
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