UP By Elections : जाने कैसे, 60% मुस्लिम वोटर्स वाली यूपी की कुंदरकी सीट पर बीजेपी ने डेढ़ लाख वोटों से सपा को हराया
UP By Elections : उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले की कुंदरकी सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ऐतिहासिक जीत हासिल की है, जो न सिर्फ बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक जीत है, बल्कि कई कारणों से हैरान करने वाली भी है। खास बात यह है कि इस सीट पर 60% से ज्यादा मुस्लिम वोटर हैं और ऐसे इलाके में बीजेपी को इतनी बड़ी जीत मिली है।
कुंदरकी सीट पर बीजेपी के उम्मीदवार रामवीर सिंह ठाकुर ने समाजवादी पार्टी (SP) के उम्मीदवार हाजी रिजवान को 1 लाख 31 हजार वोटों से हराया। सपा को इस सीट पर महज 20 हजार वोट मिले, जबकि यह सीट traditionally सपा का गढ़ मानी जाती रही है। इस परिणाम ने कई लोगों को चौंका दिया, खासकर तब जब इस इलाके में मुस्लिम समुदाय का अहम रोल है।
मुस्लिम वोटों का समर्थन:
कुंदरकी में बीजेपी को मुस्लिम समुदाय का जबरदस्त समर्थन मिला है। खासकर रामवीर सिंह के पक्ष में मुस्लिम वोटर्स ने बंपर वोट डाले। यह तब और दिलचस्प हो जाता है जब यह माना जाता था कि मुस्लिम वोट भाजपा के खिलाफ होते हैं। लेकिन इस बार रामवीर सिंह को मुस्लिम समुदाय से भारी समर्थन मिला, जो उनकी चुनावी जीत का बड़ा कारण बना।
रामवीर सिंह के बारे में कहा जा रहा है कि उनका मुस्लिम समुदाय से पुराना रिश्ता है। वह पहले भी मुस्लिम इलाके में सक्रिय थे, और इस बार भी उन्होंने मुस्लिम टोपी पहनकर एक संकेत दिया था कि वह समुदाय के बीच गहरी पैठ रखते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने भी अपनी मेहनत से इस जीत में अहम योगदान दिया। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से भाजपा को समर्थन दिलवाने के लिए कई इलाके में खास रणनीति बनाई, जिसमें तुर्क मुस्लिम और राजपूत मुस्लिम वोटरों को साधने की कोशिश की गई।
सपा की कमज़ोर स्थिति:
इस जीत का एक कारण सपा उम्मीदवार हाजी रिजवान के प्रति स्थानीय लोगों की नाराजगी भी हो सकती है। कुंदरकी में सपा और रामवीर सिंह के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद थी, लेकिन रिजवान को सिर्फ 25 हजार वोट ही मिले। वहीं, रामवीर सिंह के लिए यह सीट एक ऐतिहासिक जीत साबित हुई, क्योंकि उनके पक्ष में 86% वोट मिले, जो कि बहुत बड़ी बात है।
इसके अलावा, इस बार सपा के लिए मुश्किलें और बढ़ीं, जब उनके उम्मीदवार ने चुनाव से पहले यह दावा किया था कि “कुत्ते के गले में भी पट्टा बांध देंगे तो भी सीट जीत लेंगे।” रामवीर सिंह ने इस बयान को मुद्दा बना लिया और मुस्लिम और यादव समुदाय से पूछा कि क्या उनके वोटों की कीमत पट्टे के बराबर है? यह सवाल सपा के खिलाफ लोगों के गुस्से को और बढ़ा गया।
पुलिस और प्रशासन पर आरोप:
सपा के उम्मीदवार ने चुनाव में धांधली के आरोप लगाए थे। मोहम्मद रिजवान ने दावा किया था कि 250 से ज्यादा बूथों पर सपा के एजेंट नहीं थे और कई बूथों पर पुलिस ने मतदान प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया। हालांकि, बीजेपी के उम्मीदवार रामवीर सिंह ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जब सपा की सरकार थी, तो मुस्लिमों पर अत्याचार होते थे, लेकिन बीजेपी ने मुस्लिम समुदाय के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनीं और उनका समर्थन पाया।
कुंदरकी की इस जीत को गंगा-जमनी तहजीब की जीत और सामाजिक एकता की जीत के रूप में देखा जा रहा है। रामवीर सिंह ने यह साबित किया कि अगर मुस्लिम समुदाय को विश्वास में लिया जाए और उनकी समस्याओं को समझा जाए, तो वे भी भाजपा के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकते हैं। यह चुनाव न सिर्फ बीजेपी की रणनीति की सफलता है, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों के बीच एकजुटता की भी बड़ी मिसाल पेश करता है।