UP By Election: अखिलेश यादव बोले- ‘लाल कार्ड’ बांटकर मतदाताओं पर बनाया जा रहा दबाव

Sandesh Wahak Digital Desk: यूपी में कल यानि बुधवार (20 नवंबर) को उपचुनाव के लिए वोटिंग होनी है। ऐसे में चुनाव आयोग ने तैयारियां पूरी कर ली है। इस बीच यूपी की मुख्य विपक्षी पार्टी सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शासन-प्रशासन पक्षपात पूर्ण रवैया का आरोप लगाया है।

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया साइड एक्स पर लिखा कि ‘चुनाव आयोग तुरंत इस बात का संज्ञान ले कि उप्र में शासन-प्रशासन पक्षपात पूर्ण रवैया अपना रहा है और मतदान को बाधित करने के लिए ‘नोटिस-चेतावनी’ के लाल कार्ड बाँटकर मतदाताओं पर दबाव बना रहा है। ये एक तरह से संविधान द्वारा दिये गये वोटिंग के अधिकार को छीनने का ग़ैर-क़ानूनी कृत्य है। इसे एक अपराध की तरह दर्ज करके तुरंत कार्रवाई की जाए अन्यथा माननीय सर्वोच्च से ये अपील होगी कि वो स्वतः संज्ञान लेते हुए पक्षपाती शासन-प्रशासन को निष्पक्ष चुनाव कराने का निर्देश दे’।

सपा प्रमुख ने ट्वीट कर कही ये बात

सिलसिलेवार ट्वीट में अखिलेश यादव ने लिखा कि ‘जिन्होंने माँ गंगा से झूठ बोला, उनके वादों पर न जाएं। ‘नमामि गंगे’ व ‘स्वच्छ गंगा’ के नाम पर भाजपा सरकार में पिछले 10 वर्षों में अरबों रुपयों के फ़ंड निकाले तो गये पर वो फ़ंड माँ गंगा के घाट तक नहीं पहुँचे’।

अखिलेश यादव ने आगे लिखा कि ‘फ़ाइलों में गंगा जी के स्वच्छ, अविरल, निर्मल होने के दावों का सच ये है कि वाराणसी में माँ गंगा इतनी दूषित हो चुकी हैं कि पीने योग्य तो छोड़िए, ये जल नहान-स्नान के लायक भी नहीं है। इसी संदर्भ में नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने देश के प्रधान संसदीय क्षेत्र ‘वाराणसी’ के ज़िलाधिकारी महोदय से ये पूछकर सारा सच स्पष्ट कर दिया है कि ‘क्या आप गंगाजल पी सकते हैं?’

साथ ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल की ये सलाह भी डबल इंजन की सरकार के लिए चुल्लू भर पानी में डूबने के बराबर है कि उनके राज में तथाकथित क्योटो अर्थात काशी के डीएम साहब अपनी पॉवर का इस्तेमाल करते हुए गंगा किनारे एक चेतावनी भरा बोर्ड लगवा दें कि ‘ये गंगा जल पीने-नहाने योग्य नहीं है। निंदनीय भी, शर्मनाक भी! काशी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!’

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