Delhi News : राहुल पर टिप्पणी से भड़के खड़गे, फडणवीस पर साधा निशाना, कही ये बड़ी बात

Delhi News : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस की उस टिप्पणी को लेकर उनकी आलोचना की जिसमें उन्होंने राहुल गांधी पर संविधान की ‘लाल कवर वाली’ प्रति दिखाने का आरोप लगाया था।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और देश की जनता ‘‘संविधान विरोधी और आरक्षण विरोधी’’ भारतीय जनता पार्टी को करारा जवाब देगी। उनकी यह टिप्पणी फडणवीस द्वारा यह पूछे जाने के बाद आई कि राहुल गांधी संविधान की लाल कवर वाली प्रति दिखाकर क्या संदेश देना चाहते हैं। उन्होंने कांग्रेस नेता पर अराजकतावादियों का गठबंधन बनाने का भी आरोप लगाया।

खड़गे ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह सवाल हम महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री व असम के मुख्यमंत्री से तो पूछ ही रही रहे हैं, मोदी जी, जिनको लोकसभा चुनाव के बाद संसद में संविधान को झुककर प्रणाम करना पड़ा, उनसे भी पूछ रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा/आरएसएस के नेता संविधान को बार-बार नक्सलवाद से जोड़कर क्या देश में मनुस्मृति लागू करने का अपना पराजित एजेंडा लाना चाहते है?’’ खरगे ने कहा कि भाजपा/आरएसएस के नेता ये बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं कि संविधान सभी को बराबरी का हक देता है और दलित, आदिवासी, पिछड़े, अल्पसंख्यक व गरीब वर्गों को शक्ति प्रदान करता है।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर ने 30 नवंबर, 1949 के अंक में संपादकीय में लिखा था कि भारत के इस नए संविधान की सबसे बुरी बात यह है कि इसमें भारतीय कुछ भी नहीं है। उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) साफ तौर पर भारतीय संविधान के मुख्य निर्माता यानी बाबासाहेब डॉ भीमराव आंबेडकर के विरोध में और मनुस्मृति के समर्थन में खड़ा था।

खड़गे ने कहा, ‘‘पूरा देश जानता है कि संघ परिवार ने उस समय किस तरह संविधान की प्रतियां जलाईं व पंडित जवाहर लाल नेहरू और बाबासाहेब आंबेडकर जी के पुतले फूंके थे!’’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और देश की जनता संविधान विरोधी तथा आरक्षण विरोधी भाजपा को करारा जवाब देगी। राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा था कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार, बाबासाहेब के संविधान को दिखाना और जाति जनगणना के लिए आवाज उठाना एक ‘‘नक्सली विचार’’ है।

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