बांग्लादेश: सुप्रीम कोर्ट ने संसद से छीना जजों पर महाभियोग का अधिकार, सर्वोच्च न्यायिक परिषद बहाल
ढाका: बांग्लादेश में न्यायिक प्रणाली को लेकर बड़ा फैसला आया है। सुप्रीम कोर्ट ने देश की संसद से न्यायाधीशों पर महाभियोग चलाने का अधिकार छीन लिया है और साथ ही सर्वोच्च न्यायिक परिषद को बहाल कर दिया है। अदालत ने रविवार को फैसला सुनाते हुए अपने पुराने आदेश को बरकरार रखा, जिसमें 16वें संविधान संशोधन को “अवैध” घोषित किया गया था।
इस संशोधन के तहत संसद को न्यायाधीशों को हटाने का अधिकार दिया गया था, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। इससे पहले, यह अधिकार सर्वोच्च न्यायिक परिषद के पास था, जो जजों के कदाचार और अक्षमता की जांच करती थी।
सुप्रीम कोर्ट के वकील रूहुल कुद्दुस ने कहा कि इस फैसले ने बांग्लादेश के मूल संवैधानिक प्रावधानों को फिर से मजबूत किया है। प्रधान न्यायाधीश सैयद रेफात अहमद की अध्यक्षता वाली अपीलीय पीठ ने यह आदेश पारित किया, जिससे संसद का महाभियोग का अधिकार समाप्त हो गया।
यह फैसला पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार द्वारा 2014 में लाए गए 16वें संशोधन को रद्द करता है, जो न्यायाधीशों को हटाने का अधिकार संसद को सौंपने के लिए लाया गया था।
बता दे, इस मुद्दे पर 2017 में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार सिन्हा और हसीना सरकार के बीच तनाव उत्पन्न हुआ था, जिसके कारण सिन्हा को पद छोड़ना पड़ा था।