Gonda: बहुत गहरी हैं अवैध गोला-बारूद करोबार की जड़ें, मौतों के बाद भी नहीं चेता प्रशासन
Sandesh Wahak Digital Desk/A.R.Usmani: दीपावली से दो माह पहले ही चोरी-छिपे अवैध गोले-पटाखे बनाने व बेचने का खतरनाक धंधा तेज़ हो जाता है। इस दौरान लाइसेंस की चेकिंग के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है।
नगर पंचायत बेलसर में 7 अक्टूबर को अवैध रूप से गोला-पटाखा बनाते समय हुए विस्फोट में 3 लोगों की मौत और 2 लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की यह कोई पहली घटना नहीं है। एक दशक पहले जिले के छपिया थाना क्षेत्र के मसकनवा बाजार में पुराने मकान में बारूद का भंडारण किया गया था।
अचानक विस्फोट होने से मासूम समेत 2 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। वर्ष 2021 में 2 जुलाई को वजीरगंज थाना क्षेत्र के टिकरी के ठठेरपुरवा में नूरुल हसन के मकान में हुए विस्फोट में परिवार के 8 लोगों की मौत हो गयी थी। जबकि 07 लोग घायल हो गए थे। विस्फोट इतना तेज था कि नूरुल हसन के दो मंजिला मकान समेत पड़ोसी का मकान भी धराशाई हो गया था।
पटाखा भंडारण के कारण विस्फोट होने की बात सामने आई
एटीएस की टीम को पड़ताल के दौरान मलबे से कुछ संदिग्ध वस्तुएं मिली थीं। यहां भी पटाखा भंडारण के कारण विस्फोट होने की बात सामने आई थी। बाद में जांच टीम ने रसोई गैस सिलेंडर से विस्फोट होने की रिपोर्ट दी थी। वहीं 24 अक्टूबर 2022 में जिले के नवाबगंज के संचरही मोहल्ला निवासी मोहम्मद सईद के घर में धमाका हुआ था। जिसमें उसका दोमंजिला मकान जमींदोज हो गया था।
मलबे में उसकी पत्नी खैरुननिशां (55 वर्ष) व बेटा इब्राहीम (22 वर्ष) दब गए थे। इलाज के दौरान खैरुननिशां की मौत हो गई थी। आठ अक्टूबर को कटरा बाजार थाना क्षेत्र के मथुरा गांव में छापेमारी की गयी, जिसमें भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ। पूर्व प्रधान राजकुमार सिंह ने बताया कि 2 सितंबर 2011 में नफीस के घर में विस्फोट हुआ था, जिसमें पक्का मकान ध्वस्त हो गया था।
नवाबगंज कस्बे के मुठ्ठीगंज मोहल्ले में सुमित गुप्ता के गोदाम पर पुलिस ने छापा मारा तो भारी मात्रा में अवैध पटाखों का भंडारण पाया गया। पुलिस ने सुमित गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। 9 अक्टूबर की रात पुलिस ने ग्राम मौहरिया मौजा रामापुर व लैबुड़वा में दबिश देकर अवैध पटाखा फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। छापेमारी में पुलिस ने 16 क्विंटल पटाखा, 8.70 क्विंटल बारूद व पटाखा बनाने की अन्य सामग्री बरामद की, जिसमें 2 क्विंटल बुरादा, एक क्विंटल लालरेत, एक क्विंटल पेपर, 50 किलो सुतली, 1.5 क्विंटल सन, 2.5 क्विंटल बारूद व 20 किलो पीला पाउडर शामिल है।
मौके की जांच के बगैर लगा दी जाती है रिपोर्ट
दीपावली से एक माह पहले ही पटाखा कारोबार के लिए व्यापारी अस्थायी लाइसेंस के लिए आवेदन शुरू कर देते हैं। प्रशासन की शर्तों पर उन्हें एक माह का अस्थायी लाइसेंस संबंधित थानों की पुलिस की रिपोर्ट पर मजिस्ट्रेट जारी कर देते हैं। हर साल दीपावली से पहले ऐसे 200 से अधिक अस्थायी लाइसेंस जारी किए जाते हैं, लाइसेंस की प्रक्रिया आवेदन के उपरांत जांच से शुरू होती है लेकिन जिम्मेदारों द्वारा बिना मौके की जांच किए ही रिपोर्ट लगा दी जाती है।
पटाखा विस्फोट की घटनाएं गंभीर हैं। इससे सबक लेते हुए अधिकारियों को ऐसे स्थानों को चिह्नित कर दबिश देने के निर्देश दिए गए हैं। तहसीलवार एसडीएम के निर्देशन में राजस्व व पुलिस की संयुक्त टीमों को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। लाइसेंसी भंडारण वाले सूचीबद्ध लोगों के रख-रखाव की जांच की जाएगी।
-नेहा शर्मा, जिलाधिकारी गोण्डा।
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