Health Update: ‘वैरिकोज़ वेन्स’ से बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा, हर 5 में से 1 युवा हो रहा है प्रभावित, जानें बचाव के तरीके
Health Update: हमारा शरीर हज़ारों नसों और रक्त वाहिकाओं से बना होता है जो पूरे शरीर में रक्त, ऑक्सीजन और पोषक तत्वों को पहुंचाने का काम करती हैं। लेकिन जब ये रक्तवाहिनियां ठीक से काम नहीं करतीं, तो स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं सामने आने लगती हैं। ऐसा ही एक रोग है वैरिकोज़ वेन्स, जो विशेष रूप से पैरों में नसों की सूजन के रूप में प्रकट होता है। इस बीमारी में नसें मोटी, नीली और उलझी हुई दिखने लगती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह समस्या ज़्यादा देर तक खड़े रहने या लगातार बैठकर काम करने से बढ़ती है। आज की लाइफस्टाइल में हर पांच में से एक युवा इस समस्या से पीड़ित है, जिससे उनके हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है।
वैरिकोज़ वेन्स और हार्ट अटैक का बढ़ता खतरा
वैरिकोज़ वेन्स में नसें मोटी और उलझी होने की वजह से रक्त प्रवाह प्रभावित होता है, जिससे दिल तक पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पहुंच पाता। इसका परिणाम यह होता है कि हार्ट पर अतिरिक्त प्रेशर पड़ता है, जिससे हार्ट अटैक और हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
वैरिकोज़ वेन्स के लक्षण
– पैरों में नीली नसों का गुच्छा बनना
– पैरों में सूजन और दर्द
– मांसपेशियों में ऐंठन
– त्वचा पर घाव (अल्सर)
वैरिकोज़ वेन्स के कारण
– लंबे समय तक बैठकर या खड़े रहकर काम करना
– मोटापा और शारीरिक गतिविधि की कमी
– उम्र का बढ़ना
– हार्मोनल बदलाव
– परिवार में इस बीमारी का इतिहास होना
वैरिकोज़ वेन्स से बचाव के उपाय
योग और आयुर्वेदिक विशेषज्ञ बाबा रामदेव के अनुसार, वैरिकोज़ वेन्स से निजात पाने के लिए सर्कुलेटरी सिस्टम को दुरुस्त रखना बेहद जरूरी है। निम्नलिखित प्राकृतिक उपचार इस समस्या में प्रभावी साबित हो सकते हैं:
– कपिंग थेरेपी और लीच थेरेपी: इससे रक्त का प्रवाह बेहतर होता है।
– मिट्टी का लेप: इसमें मुल्तानी मिट्टी, एलोवेरा, हल्दी, कपूर, नीम और गुग्गुल के मिश्रण से लाभ मिलता है।
– रश्मि चिकित्सा: सूर्य की किरणों के संपर्क में आना लाभकारी होता है।