लखनऊ नगर निगम: जांच के नाम पर करोड़ों के घोटालों को दबाने की साजिश

ट्रांसपोर्ट नगर में हाउस टैक्स असेसमेंट में संगठित लूट का मामला

Sandesh Wahak Digital Desk: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है, लेकिन इस नीति की धज्जियां उन्हीं की नाक के नीचे लखनऊ नगर निगम में उड़ रही हैं।

यही कारण है कि हाउस टैक्स में करोड़ों की हेराफेरी करने वालों पर नगर निगम प्रशासन हमेशा मेहरबान रहता है, नगर निगम अफसर पहले तो फर्जीवाड़े की जांच में तेजी दिखाते हैं फिर उन्हीं कर्मियों से साठगांठ हो जाने पर सुस्त पड़ जाते हैं। जांच के नाम पर मामले को ठण्डे बस्ते में पहुंचाना नगर निगम अफसरों का इतिहास रहा है। नगर निगम में अपनी ईमानदारी का ढिंढोरा पीटने वाले अफसर भी ऐसे मामलो में चुप्पी साधे नजर आते हैं।

मामला नगर निगम के जोन-आठ स्थित ट्रांसपोर्ट नगर से जुड़ा है। जहां तत्कालीन नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी के समय में 60-70 भवनों के हाउस टैक्स में कई करोड़ का घोटाला सामने आया था। अफसरों के फर्जी हस्ताक्षर के जरिए आठ से दस गुना हाउस टैक्स कम करने का खेल किया गया।

व्यावसायिक भवनों की दर्जनभर फाइलों में गड़बड़ी मिली

जांच में कई फाइलों में जोनल अधिकारी के हस्ताक्षर भी गायब मिले थे। करोड़ों के इस फर्जीवाड़े में जोनल अधिकारी, कर अधीक्षक, राजस्व निरीक्षक, कम्प्यूटर ऑपरेटर समेत कई कर्मियों का नाम उजागर हुआ था। हाउस टैक्स की इस संगठित लूट की जांच के लिए तत्कालीन अपर नगर आयुक्त अर्चना द्विवेदी ने प्राथमिक जांच की तो व्यावसायिक भवनों की दर्जनभर फाइलों में गड़बड़ी मिली।

इसके बाद नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने कर अधीक्षक सुभाष त्रिपाठी,राजस्व निरीक्षक राहुल यादव समेत पांच लोगों को जोन से हटाते हुए मामले की संपूर्ण जांचके लिए तत्कालीन मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी महामिलिंद लाल को जांच अधिकारी नामित किया था।

कुछ दिन जांच के नाम पर फाइलों को खंगालने का दिखावा किया गया फिर मामले को दबा दिया गया। वर्तमान में घोटाले की जांच की क्या स्थिति है इससे नगर निगम के सभी प्रशासनिक अफसर अंजान हैं। उक्त मामला तो केवल बानगी है, नगर निगम में हाउस टैक्स घोटाले संबंधित तमाम फाइलें धूल फांक रही हैं। जो कर्मी दोषी थे उनमें से कई लखनऊ नगर निगम के दूसरे जोनों में अपनी वसूली का सिंडिकेट चला रहे हैं। बता दें कि घोटाले के मामले में जोन-आठ हमेशा ही शीर्ष पर रहा है।

युवा नगर आयुक्त भी बेबस

नगर निगम में हाउस टैक्स घोटालों का सिलसिला जारी है, जोन-सात में रिंग रोड स्थित फर्नीचर डॉट कॉम शोरूम के असेसमेंट में फर्जीवाड़ा हाल ही में उजागर हो चुका है। नगर आयुक्त इन्द्रजीत सिंह ने फर्जीवाड़े से संबंधित मौखिक रिपोर्ट मांग कर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर ली। राजस्व निरीक्षक प्रभाकर दयाल से लेकर फर्जीवाड़े में शामिल अन्य अफसरों पर नगर आयुक्त की मेहरबान है।

मामला संज्ञान में नहीे है, संबंधित अफसरों से रिपोर्ट लेकर जांच पूरी कराई जाएगी। हाउस टैक्स की गड़बड़ी में जो अफसर-कर्मचारी दोषी पाए जाएंगे उन सभी के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी।

अरविंद राव, अपर नगर आयुक्त।

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