Health Care: आंतों के इंफेक्शन और टाइफाइड से बचाव के आयुर्वेदिक नुस्खे, जानें कैसे बनाएं शरीर को संक्रमणमुक्त

Health Care: बरसात के बाद का मौसम शरीर के लिए कई बीमारियां लेकर आता है, जिनमें टाइफाइड प्रमुख है। ये सिर्फ एक बुखार नहीं, बल्कि आंतों में होने वाला गंभीर संक्रमण है। यदि सही समय पर इसका इलाज न हो, तो ये गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग, आंतों की कमजोरी और यहां तक कि किडनी फेल होने तक की स्थिति पैदा कर सकता है।

टाइफाइड का प्रमुख कारण ‘टाइफी’ नामक बैक्टीरिया है, जो दूषित भोजन और पानी के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है और आंतों को संक्रमित करता है। इसके लक्षणों में पेट दर्द, तेज बुखार, डायरिया, भूख न लगना और छाती पर लाल निशान शामिल हैं। हालांकि, योग और आयुर्वेद में टाइफाइड और आंतों के इंफेक्शन का प्रभावी इलाज मौजूद है।

आयुर्वेदिक इलाज:

– अंजीर, मुनक्का और खूबकला का काढ़ा: 5 अंजीर, 10 मुनक्का और 2 ग्राम खूबकला को रात में भिगोकर सुबह पीस लें और काढ़ा बनाएं। इसे रोजाना पीने से टाइफाइड के लक्षणों में राहत मिलती है।
– कब्ज का समाधान: सौंफ और मिश्री चबाएं या जीरा, धनिया, और सौंफ का पानी लें।
– आंतों को मजबूत करने के लिए: गुलकंद, गुलाब की पत्तियां, सौंफ, इलायची और शहद मिलाकर पेस्ट बनाएं और रोज़ 1 चम्मच सेवन करें।

टाइफाइड के दौरान परहेज

हाई फाइबर फूड, मसालेदार भोजन, और तली-भुनी चीजों से परहेज करें।

स्वस्थ आंतों के लिए फायदेमंद चीजें

पंचामृत का नियमित सेवन करें, और गाजर, चुकंदर, लौकी, अनार, सेब का रस पीना आंतों के लिए लाभकारी होता है।

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