Iran–Israel Dispute: मिसाइल हमले के बाद अमेरिका ने उठाया बड़ा कदम, ईरान पर कड़े प्रतिबंधों का ऐलान !
Iran–Israel Dispute: ईरान द्वारा 01 अक्टूबर को इजरायल पर 180 मिसाइलें दागे जाने के बाद अमेरिका ने शुक्रवार को ईरान पर कड़े प्रतिबंधों का ऐलान किया है। अमेरिकी सरकार ने इस हमले के जवाब में ईरान के ऊर्जा क्षेत्र और उससे जुड़ी कंपनियों पर नई पाबंदियां लागू की हैं। अमेरिका के मुताबिक, ईरान के गुप्त बेड़े और तेल ढुलाई में लगीं कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है, जो कई देशों में सक्रिय हैं।
इनमें संयुक्त अरब अमीरात, लाइबेरिया, हांगकांग और अन्य देशों के नाम शामिल हैं। ईरान ने कहा था कि इजरायल के हालिया हिजबुल्लाह पर हमलों के जवाब में उसने मिसाइलें दागी हैं। हिजबुल्लाह, जिसे ईरान का समर्थन प्राप्त है, गाजा में लड़ाई के बाद से इजरायल पर रॉकेट दाग रहा है।
अमेरिका के नए प्रतिबंध और उनका प्रभाव
अमेरिकी विदेश विभाग ने ईरान से तेल और पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री में शामिल कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई की है। इस कदम के तहत भारत, मलेशिया, हांगकांग और सूरीनाम में स्थित कंपनियों के नेटवर्क पर भी पाबंदियां लगाई गई हैं। अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि इन प्रतिबंधों का उद्देश्य ईरान को उसके मिसाइल कार्यक्रम के लिए मिलने वाले वित्तीय संसाधनों से वंचित करना है। सुलिवन ने यह भी कहा कि इन प्रतिबंधों से ईरान द्वारा समर्थित आतंकवादी संगठनों की आर्थिक मदद भी प्रभावित होगी। अमेरिका ने यह सुनिश्चित किया है कि ईरान के साथ किसी भी प्रकार के वित्तीय या व्यापारिक संबंध बनाने से अमेरिकी कंपनियों और नागरिकों को रोका जा सके।
ईरान पर आर्थिक दबाव बढ़ाने की रणनीति
अमेरिकी सरकार का कहना है कि इन नए प्रतिबंधों से वैश्विक तेल आपूर्ति पर असर पड़ सकता है, लेकिन यह कदम उठाना आवश्यक था ताकि ईरान की आक्रामक नीतियों पर अंकुश लगाया जा सके।
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