जिया-उल-हक हत्याकांड: सभी 10 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा, 11 साल पहले हुई थी हत्या

जिया-उल-हक हत्याकांड: प्रतापगढ़ में साल 2013 के चर्चित सीओ जिया-उल-हक हत्याकांड में सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को सभी 10दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषियों पर 19,500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की आधी रकम सीओ (डिप्टी एसपी) जिया उल हक की पत्नी परवीन आजाद को दी जाएगी।

जिन दोषियों को सजा सुनाई गई है उनमें फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटे लाल यादव, राम आसरे, पन्नालाल पटेल, शिवराम पासी और जगत बहादुर पटेल उर्फ बुल्ले पटेल शामिल हैं।

बता दें कि 2 मार्च 2013 को ज़मीन के विवाद में कुंडा के बलीपुर गांव के प्रधान नन्हे यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना की जानकारी मिलते ही सीओ कुंडा जियाउल हक, तत्कालीन हथिगवां एसओ मनोज कुमार शुक्ला और कुंडा एसओ सर्वेश मिश्र, पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर पहुंचे। सीओ उग्र भीड़ को समझा रहे थे, इसी बीच भीड़ में शामिल लोगों ने उनकी पीट पीट कर हत्या कर दी थी।

जिया उल हक हत्याकांड में दो FIR दर्ज हुई थी। पहली एफआईआर एसओ हथीगंवा मनोज कुमार शुक्ला ने दर्ज करवाई थी, वहीं दूसरी एफआईआर सीओ जिया उल हक की पत्नी परवीन आजाद ने दर्ज करवाई थी। जिसमें तत्कालीन मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया, अक्षय प्रताप सिंह, हरिओम श्रीवास्तव, गुलशन यादव और नन्हे सिंह को आरोपी बनाया गया था। हालांकि, सीबीआई ने जांच के बाद राजा भैया और उनके साथियों को क्लीन चिट दे दी।

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