Gonda: जमदरा गांव में दुर्गा प्रतिमा की स्थापना को लेकर दो समुदायों में विवाद, भारी फोर्स तैनात
Gonda: कोतवाली देहात की खोरहंसा चौकी क्षेत्र के जमदरा गांव में रविवार को दुर्गा प्रतिमा की स्थापना को लेकर दो समुदायों में विवाद हो गया। तनावपूर्ण स्थिति की जानकारी मिलते ही जिला व पुलिस प्रशासन एक्शन मोड में आ गया और देखते ही देखते गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया।
खोरहंसा चौकी क्षेत्र के जमदरा के छोटी उजैनी गांव में रविवार को मूर्ति रखने को लेकर दूसरे समुदाय के लोग विरोध में आ गए। एक पक्ष हर हाल में मूर्ति रखने पर अड़ गया जबकि दूसरे समुदाय के लोग नई परंपरा को लेकर विरोध में डटे रहे। इसको लेकर स्थिति तनावपूर्ण हो गयी। मामले की जानकारी डीएम व एसपी समेत अन्य अधिकारियों को दी गई। तनावपूर्ण स्थिति की जानकारी मिलते ही जिला व पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया और कानून व्यवस्था के मद्देनजर मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। सूचना मिलते ही देहात कोतवाल देवेन्द्र श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे और स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए उच्चाधिकारियों को सूचना दी।
इस दौरान एडीएम व एसडीएम सदर के साथ ही अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी मनोज कुमार रावत, अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी राधेश्याम राय, सीओ, तहसीलदार समेत अन्य अधिकारी व करीब आधा दर्जन थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गयी। अधिकारियों द्वारा करीब पांच घंटे तक गांव में पंचायत कराई गई लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। इस दौरान दुर्गा प्रतिमा को पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया और कहा कि नई परंपरा कायम करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। मूर्ति रखने के दौरान मौके पर मौजूद उमेश तिवारी व बाबू कुमार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था लेकिन थोड़ी देर बाद दोनों को छोड़ दिया गया।
जमदरा के दया प्रकाश शुक्ल ने बताया कि काली स्थान के नाम पर जमीन है। उसी पर मूर्ति रखी जा रही थी, लेकिन प्रशासन ने नहीं रखने दिया। वहीं दूसरे पक्ष के सनवर, दिलावर, बेचन आदि लोगों का कहना है कि उक्त स्थान पर कब्रिस्तान, कर्बला व मजार है। इसलिए पांच बिसवा जमीन बगल में मूर्ति स्थापित करने के लिए दी जा रही थी, लेकिन बात नहीं बनी। हर साल भकुरहा चौराहा के पास सड़क पर मूर्ति स्थापित की जाती रही, लेकिन इस बार लोग नई परंपरा की शुरूआत करना चाहते थे।
इस संबंध में एसडीएम सदर ने बताया कि गांव में दुर्गा प्रतिमा की स्थापना पर रोक लगा दी गई है। नयी परंपरा की इजाजत नहीं दी जा सकती है। इसके साथ ही एहतियात के तौर पर गांव में पुलिस व पीएसी तैनात कर दी गई है।
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