UP News: जिलों में नहीं हो रही सुनवाई, लखनऊ आने को मजबूर फरियादी!

विधानभवन और सीएम आवास के सामने आत्मदाह जैसा आत्मघाती कदम तक उठाने से भी नहीं हिचक रहे

Sandesh Wahak Digital Desk: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को सख्त ताकीद कर रखा है कि फरियादियों को लखनऊ तक न्याय की आस में दौड़ न लगानी पड़े। इसके बावजूद जिलों में सुनवाई नहीं होने से फरियादी लखनऊ के चक्कर काटने को मजबूर हैं।

यही नहीं पीड़ित अक्सर विधानभवन और सीएम आवास के सामने आत्मदाह जैसा बड़ा कदम भी उठाने से नहीं हिचक रहे हैं। गुरुवार को एक परिवार फिर पीलीभीत पुलिस द्वारा सुनवाई न किये जाने पर विधानभवन के सामने पहुंच गया था। ऐसे आत्मघाती क़दमों से कई बार फरियादियों की जीवनलीला तक खत्म हो जाती है। इसके बावजूद जिलों के अफसरों पर सख्त कार्रवाई शायद ही होती होगी।

अगस्त में कई पीड़ितों ने की आत्मदाह की कोशिश

अगस्त में सीएम आवास के सामने उन्नाव की पीडि़त महिला ने सुनवाई नहीं होने पर खुद को आग लगा ली थी। जिसके बाद उसकी मौत हो गयी। हालांकि पुलिस की जांच में सामने आया कि महिला को आत्मदाह के लिए उसके वकील ने उकसाया था। लेकिन उसे लखनऊ तक क्यों आना पड़ा। ये भी अहम सवाल है। अगस्त में कई पीड़ित आत्मदाह करने विधानभवन के सामने पहुंचे थे। जिसमें उन्नाव के अरुण दीक्षित, हरदोई निवासी एक युवती और जालौन निवासी विवेक कुमार शामिल थे।

अरुण के मुताबिक पुलिस से न्याय की उम्मीद खत्म हो गयी थी। वहीं युवती का कहना था एक युवक छह माह से छेड़छाड़ कर रहा है। सुनवाई नहीं हो रही है। हालांकि उसके मामले में चार्जशीट लग चुकी थी। इसी तरह पिछले वर्ष अप्रैल में सीएम आवास के सामने उन्नाव के आनंद मिश्र भी आत्मदाह के इरादे से पहुंचे थे। आरोपों के मुताबिक भाजपा विधायक बम्बा लाल दिवाकर उसे प्रताडि़त कर रहे थे। वहीं पिछले वर्ष अगस्त में सत्र के दौरान बागपत निवासी एक महिला ने भी विधानभवन के सामने अपनी जान देने का प्रयास किया था।

पिछले वर्ष जून में मौरावां पुलिस द्वारा सुनवाई न होने से त्रस्त उन्नाव का एक परिवार भी घर पर अवैध कब्जे का आरोप लगाते हुए विधानभवन के सामने आत्मदाह करने पहुंचा था। ऐसी घटनाएं जिलों में बैठे पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।

बेटे की ह्त्या, सुनवाई नहीं, विधानभवन के सामने आत्मदाह को पहुंचा परिवार

विधानभवन के बाहर बृहस्पतिवार सुबह साढ़े नौ बजे आत्मदाह के लिए पीलीभीत से एक परिवार के पांच लोग पहुंचे। वहां तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोक लिया और हिरासत में लेकर हजरतगंज थाने ले आये। परिवार ने पीलीभीत पुलिस पर सुनवाई नहीं करने का आरोप लगाया है। इंस्पेक्टर हजरतगंज विक्रम सिंह के मुताबिक पूछताछ में पीलीभीत में पीसलपुर के जोगीठेर निवासी कृष्ण कुमार ने बताया कि उनके बेटे की हत्या कर उसे फंदे से लटका दिया गया। उनका आरोप है कि वह जब मामले की शिकायत करने पीसलपुर थाने पहुंचे तो पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। निराश होने पर कृष्ण कुमार पत्नी माया देवी, बेटा पंकज, प्रमोद व बेटी स्वाति के साथ विधानभवन के सामने आत्मदाह करने पहुंचे थे। इनके पास से दो लीटर पेट्रोल मिला है।

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