योगी सरकार की बड़ी शुरुआत, UP में चलेगा Zero Poverty Campaign, सभी डीएम को मिले निर्देश
Sandesh Wahak Digital Desk : उत्तर प्रदेश में रोजगार का ग्राफ बढ़ाने और इंफ्रास्टक्चर को मजबूत कर इकोनॉमी को आगे ले जाने का प्रयास लगातार सीएम योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं। इसके अलावा अब योगी सरकार एक बड़ी शुरुआत कर प्रदेश के गरीबों के स्तर को ऊपर उठाने का काम करने जा रही है।
सूत्रों के अनुसार मिली जानकारी के अनुसार योगी सरकार उत्तर प्रदेश में जीरो पॉवर्टी अभियान शुरू करने जा रही है। इसको लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की तरफ से सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखा गया है। जिसमें उन्हें ग्राम सभा स्तर पर अभियान शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
गरीब परिवारों का डिजिटल डाटाबेस होगा तैयार
जीरो पॉवर्टी अभियान के अंतर्गत प्रदेश के जिलों में गरीब परिवारों का डिजिटल डाटाबेस तैयार किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक ग्राम सभा से 25 परिवार चिह्नित किये जाएंगे। दरअसल गरीब परिवारों के उत्थान के इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए ‘अंत्योदय से सर्वोदय’ की नीति को सीएम योगी ने अपना आधार बनाया है। सीएम योगी के ‘जीरो पॉवर्टी स्टेट’ के संकल्प की पूर्ति के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसमें वन फैमिली वन आईडी की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। जिसके माध्यम से हर गरीब और वंचित को सरकारी योजना का शत प्रतिशत लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
योगी सरकार ने तय किया लक्ष्य
विभिन्न योजनाओं के माध्यम से योगी सरकार का लक्ष्य एक वर्ष में 15 से 25 लाख निर्धनतम परिवारों को गरीबी रेखा से बाहर लाकर उत्तर प्रदेश को पूरी तरह गरीबी से मुक्त राज्य बनाना है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में आर्थिक रूप से विपन्न (विपत्तिग्रस्त) जीवन जीने को विवश 6 करोड़ जनता को एक दशक में बहुआयामी गरीबी से बाहर लाकर सम्मानजनक जीवन उपलब्ध कराया गया है।
विगत साढ़े सात वर्ष में 56 लाख से अधिक गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास, 2.62 करोड़ गरीबों को व्यक्तिगत शौचालय, रसोई गैस के 1.86 करोड़ से अधिक निःशुल्क कनेक्शन दिए गए। 2.65 करोड़ से अधिक परिवारों में पेयजल कनेक्शन और 15 करोड़ गरीबों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने का कार्य निरंतर चल रहा है।
रोजगार के साथ कौशल विकास पर फोकस
सरकार का यह भी मानना है कि सिर्फ सरकारी योजनाओं के समेकित लाभों से संपूर्ण गरीबी उन्मूलन संभव नहीं है। ऐसे में निर्धनतम परिवारों को किसी न किसी रोजगारपरक उपाय से संबद्ध किया जाना भी आवश्यक है, ताकि आमदनी का जरिया सुनिश्चित हो। इसके तहत उन्हें प्रीमियम स्किल के तहत बाजार की मांग के अनुरूप सुनिश्चित ऋण, बैंक लिंकेज, एंप्लायमेंट लिंकेज जैसी सुविधाओं से जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे।
नीति आयोग के अनुसार उत्तर प्रदेश साल दर साल के कंपोजिट रैंकिंग में देश में प्रथम स्थान पर है। हालांकि, इस प्रदर्शन के बावजूद समस्त गरीब परिवारों तक पहुंच बनाना आसान काम नहीं है। ऐसे में योगी सरकार का मानना है कि अगर कुछ परिवार पीछे छूट गए हों तो उन्हें भी गरीबी उन्मूलन की प्रक्रिया में शामिल करना जरूरी है।
यह भी पढ़ें – Bahraich News: राज्यमंत्री नितिन अग्रवाल से मिला कोटेदार संघ, सौंपा ज्ञापन