पाकिस्तान की बदहाल आर्थिक स्थिति: 1.5 लाख नौकरियों में कटौती, 6 मंत्रालय किए भंग
इस्लामाबाद: पाकिस्तान की आर्थिक हालत बद से बदतर होती जा रही है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से लिए गए 7 अरब अमेरिकी डॉलर के लोन के तहत, सरकार ने खर्चों में भारी कटौती का निर्णय लिया है। इस कटौती के तहत 1.5 लाख सरकारी नौकरियों को समाप्त किया गया है और 6 मंत्रालयों को भंग कर दिया गया है। इसके साथ ही, दो अन्य मंत्रालयों का विलय भी करने का ऐलान किया गया है।
इस कदम का मुख्य उद्देश्य IMF को यह दिखाना है कि पाकिस्तान अपने खर्चों को नियंत्रित कर रहा है ताकि उसे आर्थिक सहायता मिलती रहे। हाल ही में आईएमएफ द्वारा दिए गए 7 अरब डॉलर के पैकेज के तहत पाकिस्तान को पहली किश्त के रूप में 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर मिले थे। इसके बदले पाकिस्तान ने सरकारी खर्चों में कटौती और कर सुधारों की प्रतिबद्धता जताई है।
पाकिस्तान के वित्त मंत्री मुहम्मद औरंगजेब ने बताया कि यह कार्यक्रम पाकिस्तान के लिए अंतिम IMF कार्यक्रम होगा। इसके तहत देश को अपनी नीतियों में सुधार लाना होगा और अर्थव्यवस्था को औपचारिक रूप देना होगा। उन्होंने कहा कि मंत्रालयों में सुधार के तहत 1.5 लाख पद समाप्त किए जाएंगे, जबकि करदाताओं की संख्या में भी वृद्धि हो रही है। पिछले साल 3 लाख नए करदाता जुड़े थे और इस साल अब तक 7.32 लाख नए करदाता पंजीकृत हुए हैं।