‘पुलिस कमिश्नरेट मतलब कमीशन का रेट’, BJP विधायक के पत्र से बढ़ी हलचल, अखिलेश यादव ने भी कसा तंज
Sandesh Wahak Digital Desk: यूपी की योगी सरकार ने राज्य की कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए कई बड़े जिलों में पुलिस कमिश्नरेट बना दिया गया है। ताकि कानून व्यवस्था की स्थित को बेहतर ढंग से संभाला जा सके। तो वहीं योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर उनके ही विधायक ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
आगरा से बीजेपी एमएलए और पूर्व मंत्री जीएस धर्मेश ने पुलिस कमिश्नरेट पर गंभीर आरोप लगाया है। विधायक ने यहां तक कहा कि पुलिस ‘कमिश्नरेट नहीं कमीशन का रेट’ है। जीएस धर्मेश आगरा छावनी से बीजेपी के विधायक हैं। उनका दावा है कि आगरा पुलिस जीरो टॉलरेंस की नीति को पलीता लगा रही है। इस संबंध में उनका एक लेटर भी वायरल हो रहा है।
विधायक ने लेटर में लगाए गंभीर आरोप
विधायक ने कहा कि न्यायालय से गैर जमानती वारंटियों को भी गिरफ्तार करने के बाद थाने से ही छोड़ा जा रहा है। बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर अनावश्यक गंभीर धाराएं लगाकर उन्हें जेल भेजा जा रहा है। विधायक ने कहा कि न्यायालयों में पुलिस की लचर पैरवी के कारण अपराधियों, बलात्कारी और भूमाफिया आए दिन कोर्ट से बरी हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अभी एक सप्ताह पूर्व पुलिस ने एक गैर जमानती वारंटी को पकड़ा और दो घंटे के बाद थाना से ही छोड़ दिया। आखिर इन्हें किसके आदेश पर छोड़ा जा रहा है। आगरा में पुलिस कमिश्नरेट नहीं बल्कि कमीशन रेट हो गई है। सरकार के स्वच्छ कार्य एवं मुख्यमंत्री योगी की जीरो टॉलरेंस की छवि को धता बता रही है। विधायक ने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री से मिलेंगे और साक्ष्यों के आधार पर आगरा पुलिस के कारनामें बताएंगे।
उप्र के माननीय मुख्यमंत्री जी कम-से-कम अब तो अपने शासन-प्रशासन के कुशासन को स्वीकार कर लीजिए क्योंकि अब तो आपके ही विधायक पुलिस ‘कमिश्नरेट’ को ‘कमीशन-रेट’ की उपाधि से सुशोभित कर रहे हैं।
अब क्या इस आलोचना के बाद आप उन पर भी एफ़आइआर लिखवाएंगे या बुलडोज़र का डर दिखलाएंगे।
भाजपा… pic.twitter.com/jDsWUkffKO
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 24, 2024
विधायक का पत्र वायरल होने पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी योगी सरकार को घेरा है। अखिलेश ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि उप्र के माननीय मुख्यमंत्री जी कम-से-कम अब तो अपने शासन-प्रशासन के कुशासन को स्वीकार कर लीजिए क्योंकि अब तो आपके ही विधायक पुलिस ‘कमिश्नरेट’ को ‘कमीशन-रेट’ की उपाधि से सुशोभित कर रहे हैं। अब क्या इस आलोचना के बाद आप उन पर भी एफ़आईआर लिखवाएंगे या बुलडोज़र का डर दिखलाएंगे। भाजपा राज में ‘कमिश्नरेट’ दरअसल ‘करेपश्नेट’ बन गये हैं। कमिश्नरेट वसूली का विकेंद्रीकरण है।
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