Lucknow: नगर आयुक्त व मेयर के सामने चल रहा ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल
Sandesh Wahak Digital Desk: प्रदेश सरकार की ट्रांसफर नीति की राजधानी के नगर निगम में धज्जियां उड़ाई जा रही है। ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल चल रहा है। इस खेल के सहारे कुछ अफसर उगाही का सिंडिकेट चला रहे हैं। अफसर और उनके गैंग में शामिल कर्मचारी एक ही जोन में रहें इसके लिए नियमों को ठेंगा दिखाकर कर्मचारियों के सम्बद्घ करने का खेल चल रहा है। ये खेल नगर आयुक्त व मेयर की आंखों के सामने है मगर, सभी मौन हैं।
नगर निगम जोन-6 में पिछले दिनों लिपिक राजीव जैन, मोहसिन रजा व मो. शोएब का ट्रांसफर दूसरे जोन में किया गया था। मगर, प्रभारी जोनल अधिकारी मनोज कुमार यादव की मांग पर तीनों ही लिपिकों को अपर नगर आयुक्त अरविन्द राव के कार्यालय में सम्बद्घ कर जोन-6 में तैनात कर दिया गया। बताया जा रहा है कि इसके लिए प्रभारी जोनल अधिकारी ने पत्र लिखा था कि उनके जोन में 17 लिपिक के ट्रांसफर हुए थे मगर, उन्हें बदले में 12 लिपिक मिले थे जिसमें से 6 लिपिक टैक्स के कार्य करने योग्य नहीं हैं।
कर्मचारियों को गलत तरीके से जोन में मिली तैनाती
पत्र में आगे लिखा कि लिपिक राजीव जैन के बिना जन्म-मुत्यु का कार्य प्रभावित हो रहा है। इसी तरह मो. शोएब व मोहसिन रजा के बिना जोन में तमाम महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो रहे है। इस पर अपर नगर आयुक्त अरविंद राव ने तीनों ही कर्मचारियों को अपने कार्यालय से सम्बद्ध कर जोन-छह भेज दिया। नगर निगम के दूसरे कर्मचारियों का कहना है कि सम्बद्ध करने का अधिकार केवल नगर आयुक्त के पास है। ऐसे में तीनों ही कर्मचारियों को गलत तरीके से जोन में तैनाती मिली है।
आरोपों के घेरे में जोन-छह कार्यालय
नगर निगम का जोन-छह कार्यालय पर काफी समय से भ्रष्टाचार के आरापे लग रहे हैं। हाल ही में मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के एवज में वसूली के मामले में लिपिक संदीप श्रीवास्तव को निलंबित भी किया गया है। वसूली का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने पर यह कार्रवाई हुर्ई थी।
जोनल अधिकारी मनोज कुमार यादव पर वसूली के आरोप
कुछ दिनों पहले लिपिक सत्येन्द्र सैनी ने जोनल अधिकारी मनोज कुमार यादव पर वसूली के आरोप लगाए थे। कहा कि प्रति फाइल 3000 रुपए न देने पर उन्हें प्रताडि़त किया जाता था। इस मामले की जांच की बजाए सत्येन्द्र को सजा के तौर पर हटा कर आईजीआरएस का कार्य सौंप दिया गया।
जोन-छह में करीब आठ महीने पहले एंटी करप्शन की टीम ने महिला लिपिक नीलम साहू को 25 हजार रुपए घूस लेते गिरफ्तार किया था। भ्रष्टाचार के इस मामले से नगर निगम की काफी बदनामी हुर्ई थी उसके बाद भी भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं।
प्रभारी जोनल अधिकारी मनोज कुमार यादव का मूल पद कर अधीक्षक का है। उनसे कई वरिष्ठ अफसर नगर निगम में होने के बावजूद मनोज को जोनल अधिकारी का चार्ज दिया गया है। कई आरोपों के बावजूद वे पद पर बने हुए हैं। चर्चा है कि उन्हें शासन के एक बड़े अफसर का आशीर्वाद प्राप्त है।
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