Tirupati Laddu Controversy: तिरुपति मंदिर में चार घंटे की शुद्धिकरण पूजा, जांच SIT के हवाले

Tirupati Laddu Controversy: तिरुमला मंदिर में हुए कथित अपवित्रीकरण के बाद शुद्धिकरण के लिए चार घंटे का ‘शांति होमम् पंचगव्य प्रोक्षण’ (शुद्धिकरण अनुष्ठान) किया गया। तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के एक सूत्र ने इस बात की पुष्टि की कि अनुष्ठान सुबह छह बजे से 10 बजे तक चला।

उन्होंने कहा कि अनुष्ठान का उद्देश्य तिरुपति के लड्डुओं (प्रसाद में मिलने वाली मिठाई) और अन्य को बनाने में पशु चर्बी के उपयोग जैसे कथित कृत्यों से हुए अपवित्रीकरण के बाद मंदिर का शुद्धिकरण करना है।

टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे. श्यामला राव ने रविवार को कहा कि इस अनुष्ठान के जरिए श्रीवरि भक्तों के कल्याण की कामना करते हुए नकारात्मक प्रभावों को नष्ट किया जाएगा और ‘लड्डू प्रसादम’ की पवित्रता को बहाल किया जाएगा।

मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन

मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने इसकी जांच के लिए अब स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया गया है। जिसकी निगरानी इंस्पेक्टर जनरल (IG) या इसके ऊपर के स्तर के अधिकारी करेंगे। SIT सभी कारणों की जांच करेगी। जिसमें सत्ता का गलत इस्तेमाल भी शामिल है। जांच के बाद रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि सरकार इसे लेकर सख्त कदम उठाएगी। जिससे लड्डू में मिलावट जैसी घटनाएं दोबारा ना हों।

मुख्यमंत्री ने लगाए हैं ये आरोप

CM चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया है कि नियमों के मुताबिक घी सप्लायर्स के 3 वर्ष का अनुभव होना चाहिए। हालांकि जगन मोहन रेड्डी के सत्ता संभालने के बाद इसे घटाकर एक साल कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सप्लायर्स के लिए जरूरी टर्नओवर को भी 250 करोड़ रुपये से घटाकर 150 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

नायडू ने सवाल किया कि 319 रुपये प्रति किलो पर शुद्ध घी कैसे उपलब्ध कराया जा सकता है। जबकि पाम ऑयल भी इससे महंगा है। उन्होंने कहा कि एआर डेयरी फूड्स प्राइवेट लिमिटेड ने 12 जून 2024 से घी की आपूर्ति शुरू कर दी है।

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