UP News: नहीं होती जिलों में सुनवाई, आत्मदाह को मजबूर हैं पीड़ित

थानों, चौकियों और तहसीलों में पीड़ितों को धमकाया व दौड़ाया जा रहा, दम तोड़ रही न्याय पाने की उम्मीद

Sandesh Wahak Digital Desk: भले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डीजीपी प्रशांत कुमार पीडि़तों की सुनवाई व मदद के निर्देश देते हैं, लेकिन इन आदेशों को दूसरे जिले में बैठे पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी गंभीरता से नहीं लेते। इसी का नतीजा है कि आए दिन कोई न कोई पीडि़त सीएम आवास, विधानभवन और भाजपा कार्यालय के पास आत्महत्या की कोशिश करते हैं। यही नहीं थानों, चौकियों और तहसील में पीडि़तों को धमकाया व दौड़ाया भी जाता है। जब पीडि़तों को कहीं न्याय नहीं मिल पाता तो वे अपनी गुहार लगाने के लिए राजधानी का रुख करते हैं। सुनवाई के लिए पीडि़त कभी आत्मदाह तो कभी जहर खाकर इंसाफ पाना चाहते हैं।

सीएम आवास से चंद कदम दूर महिला ने खाया था जहरीला पदार्थ

शनिवार को फिरोजाबाद के शिकोहाबाद स्थित रूकनपुरा की रहने वाली रुखसाना ने जहरीला पदार्थ खा लिया। सीएम आवास से चंद कदमों की दूरी पर स्थित लामार्ट कॉलेज चौराहे के पास महिला को लडख़ड़ाते देख ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने पूछा तो उसने जहर खाने की बात कही। पीड़िता ने बोला कि कुछ लोगों ने मकान पर कब्जा कर लिया है। विरोध पर बेटे की हत्या की धमकी देते हैं। करीब पांच साल से उसने चौकी, थाना और एसपी कार्यालय में गुहार लगाई लेकिन किसी ने मदद नहीं की। इसी कारण वह इंसाफ पाने के लिए अकेले ट्रेन से लखनऊ आई थी। इससे पहले भी वह एक बार लखनऊ आई थी, लेकिन सुनवाई नहीं हो पाई थी।

वहीं छह अगस्त को उन्नाव के थाना पुरवा इलाके से आयी अंजली ने विक्रमादित्य मार्ग पर मासूम को सडक़ पर बैठाकर आत्मदाह कर लिया था। पर्स में मिले पत्र से पता चला कि उसने पुरवा थाने में दहेज प्रताडऩा की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। पुलिस ने पति व देवर को शांति भंग में बंद किया, लेकिन अन्य पर कार्रवाई नहीं की। दरोगा बागेश की तहरीर पर गौतमपल्ली थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई। जांच में पता चला कि अधिवक्ता सुनील के उकसाने पर अंजली ने मामले में आत्मदाह किया था।

पीड़ित की मनोदशा को समझ करें समाधान

सीएम ने छह दिन पहले वीडियो कांफ्रेंसिंग कर कहा कि आईजीआरएस में मिलने वाले आवेदन हों या सीएम हेल्पलाइन अथवा थाना, तहसील और विकास खंड में पहुंचने वाले शिकायतकर्ता, सबकी सुनवाई की जाए। पीडि़त और परेशान व्यक्ति की मनोदशा को समझें, उसकी भावना का सम्मान करें और पूरी संवेदनशीलता के साथ समाधान किया जाए। शिकायतकर्ता की संतुष्टि और उसका फीडबैक ही अधिकारियों के प्रदर्शन का मानक होगा। जनशिकायतों और समस्याओं से जुड़े आवेदन का संतोषप्रद निस्तारण किया जाना है। मिथ्या अथवा भ्रामक रिपोर्ट लगाने वालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई होनी तय है।

ये आंकड़े हैं भयावह

  • 06 अगस्त – विक्रमादित्य मार्ग पर उन्नाव की अंजली जाटव ने दहेज प्रताडऩा के मामले में कार्रवाई के लिए वकील के उकसाने पर किया आत्मदाह।
  • 23 फरवरी – विधानभवन व बीजेपी कार्यालय के सामने नाका निवासी लस्सी विक्रेता बृजेश तिवारी ने आत्मदाह का प्रयास किया। पड़ोसी से परेशान होकर उठाया था कदम।
  • 08 दिसंबर 2023 – सीएम आवास के पास शाहजहांपुर निवासी गुदे पाल ने जमीन पर कब्जे में सुनवाई न होने पर खाया जहर।
  • 21 नवंबर – मैनपुरी से आई महिला ने सीएम आवास के पास खाया जहर, छेड़छाड़ मामले में कार्रवाई नहीं होने से थी क्षुब्ध।
  • 20 अक्टूबर – विधानभवन के सामने उन्नाव से आए दंपति ने आत्मदाह का किया प्रयास। रेप के मामले में पुलिस ने छेड़छाड़ दर्ज की। सीओ की जांच पर धारा बढ़ी। अरेस्टिंग नहीं। एनबीडब्ल्यू जारी, फिर भी नहीं हुई सुनवाई।
  • 09 जून – विधानभवन के सामने उन्नाव निवासी बलजीत ने पत्नी, बहन और बच्चों संग किया आत्मदाह का प्रयास। जमीनी विवाद में सुनवाई   नहीं होने का था आरोप।
  • 26 अगस्त 2022 – बीजेपी कार्यालय के सामने बिजली विभाग के पूर्व संविदा कर्मी बलराम तिवारी ने किया आत्मदाह का प्रयास। मकान  मालिक पर प्रताडऩा का लगाया था आरोप।
  • 02 जून – विधानभवन के सामने सुशांत गोल्फ सिटी निवासी व्यक्ति ने किया आत्मदाह का प्रयास।

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