आतंकवाद को इतना नीचे दफन करेंगे कि यह कभी बाहर न आ सके: अमित शाह
Sandesh Wahak Digital Desk: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को फिर से मजबूत करने के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन केंद्र शासित प्रदेश में इसे इतना नीचे दफन किया जाएगा कि यह कभी बाहर न आ सके। शाह ने किश्तवाड़ में एक जनसभा में दावा किया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस का गठबंधन जम्मू कश्मीर में सरकार नहीं बना पाएगा।
शाह ने यहां पद्देर-नागसेनी विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के उम्मीदवार एवं पूर्व मंत्री सुनील शर्मा के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आज मेरा इस इलाके के लोगों जिसका 1990 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से बलिदान का इतिहास रहा है, और पूरे जम्मू कश्मीर की जनता से वादा है कि हम आतंकवाद को इतना नीचे दफन करेंगे कि वह कभी बाहर न आ सके। उन्होंने कहा कि 1990 के दशक की तरह आतंकवाद को फिर से मजबूत करने की कोशिशें हो रही हैं।
किसी में भारत की धरती पर आतंकवाद को फैलाने का साहस नहीं
गृह मंत्री ने आतंकवाद से संबंधित घटनाओं में मारे गए सभी लोगों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने विशेष रूप से भाजपा नेताओं अनिल परिहार तथा अजीत परिहार एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी चंद्रकांत शर्मा का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने अपनी सरकार बनने के बाद जेलों से आतंकवादियों को रिहा करने जैसे वादे किए हैं। मैं मां (मछियाल माता) के मंदिर के सामने आपसे कह रहा हूं कि यह मोदी की सरकार है और किसी में भारत की धरती पर आतंकवाद को फैलाने का साहस नहीं है।’’
शाह ने कहा कि भाजपा सरकार ने ग्राम रक्षा प्रहरियों और विशेष पुलिस अधिकारियों को ताकत प्रदान की है और उन्हें आधुनिक हथियार दिए जा रहे हैं। गृह मंत्री ने कहा सुरक्षा जाल ऐसा बिछाया जा रहा है कि कोई भी व्यक्ति (आतंकवादी) जो कहीं से भी यहां आना चाहेगा, उसे इन पहाड़ियों में हमारी सेना और पुलिस के जवानों के हाथों मौत का सामना करना पड़ेगा। इससे पहले शाह छह और सात सितंबर को जम्मू के दो दिवसीय दौरे पर आए थे।
आरक्षण पर अमित शाह का बयान
गृह मंत्री ने कहा मैं एक वादा करके जा रहा हूं कि ना तो अनुच्छेद 370 और आतंकवाद को लौटने दिया जाएगा और ना ही अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण को छूने दिया जाएगा। शाह ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह को निर्वासित करके डोगरा लोगों का अपमान किया था। गृह मंत्री ने कहा उन्होंने महाराजा का अपमान किया और कश्मीरी पंडितों को जबरदस्ती बाहर भेज दिया। जब भी वे सत्ता में आए, आतंकवाद को बढ़ावा मिला। उन्होंने महिलाओं के अधिकार छीन लिए और पात्र तबकों को कभी आरक्षण नहीं दिया।
उन्होंने कहा चिंता मत कीजिए। मैं कश्मीर की स्थिति देख रहा हूं और आश्वस्त रहिए, जम्मू कश्मीर में न तो फारूक अब्दुल्ला की पार्टी की सरकार बन रही है और न ही राहुल गांधी की पार्टी की। जम्मू के जनसंघ नेता पंडित प्रेम नाथ डोगरा और अनुच्छेद 370 के खिलाफ उनके आंदोलन का जिक्र करते हुए शाह ने कहा हमारे देश में कभी दो विधान, दो प्रधान और दो निशान नहीं हो सकते। उन्होंने फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए कहा कि जब 1990 के दशक में जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पनपा तो वह लंदन में मजे ले रहे थे। गृह मंत्री ने कहा कि उनके बेटे उमर अब्दुल्ला चुनाव लड़ने को लेकर विरोधाभासी बयान दे रहे हैं।
जम्मू कश्मीर के पद्देर-नागसेनी समेत 24 विधानसभा क्षेत्रों में सोमवार को प्रचार का अंतिम दिन है। यहां 18 सितंबर को पहले चरण में मतदान होगा।
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