Mangesh Yadav Encounter : डीजीपी बोले-निष्पक्ष और साक्ष्य के आधार पर हुई कार्रवाई

Mangesh Yadav Encounter : सुलतानपुर में हुई सराफा कारोबारी से लूट के बाद पुलिस ने वारदात में शामिल एक आरोपी मंगेश यादव का एनकाउंटर कर दिया था। इसको लेकर प्रदेश में लम्बी सियासी बहस भी छिड़ी है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने इसे फेक एनकाउंटर बताते हुए सरकार की नीति पर सवाल उठाया है। वहीँ इस सबके बीच यूपी डीजीपी ने कहा कि लूटकांड की पूरी विवेचना की गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पूरी कार्रवाई निष्पक्ष और साक्ष्य के आधार पर की गई है।

सुल्तानपुर ज्वैलरी लूट केस में आरोपी मंगेश यादव के पुलिस एनकाउंटर को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बीच यूपी पुलिस के आला अधिकारियों ने गुरुवार को प्रेस कान्फ्रेंस की। जहाँ डीजीपी प्रशांत कुमार, एसटीएफ हेड और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश के अलावा अन्य अधिकारी मौजूद थे। प्रशांत कुमार ने कहा, यूपी में कानून व्यवस्था का माहौल है। तमाम तरह की भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं, लेकिन लगातार कार्रवाई कर यूपी पुलिस व्यापारियों और कारोबारियों के बीच सुरक्षा का माहौल पैदा कर रही है। पुलिस का काम अपराध पर नियंत्रण करना होता है। उन्होंने कहा कि मंगेश यादव लूट में शामिल था और पुलिस जो ऑपरेशन करती है वो न्यायिक और कानून दायरे के भीतर होते हैं।

आरोपों को नकारा

अपराधी की जाति देखकर पुलिस मुठभेड़ किए जाने के राजनीतिक आरोपों पर डीजीपी ने सीधे तौर पर कुछ नहीं। उन्होंने कहा, हमारी पूरी कार्रवाई कानून सम्मत है और हम इसे कोर्ट में साबित भी कर देंगे। इससे पहले भी तमाम मुठभेड़ हुई हैं, अपराधियों के मारे जाने के अलावा यूपी पुलिस के तमाम जवान भी शहीद हुए हैं।

एडीजी ला एंड ऑर्डर और एसटीएफ अमिताभ यश ने इससे पहले कहा, इस घटना में विपिन सिंह मुख्य अभियुक्त के तौर पर शामिल रहा है. दुकान की रेकी 13 और 15 को की गई, जिसको लेकर हमारे पास वीडियो है साक्ष्य है। विपिन सिंह, फुरकान और गुर्जर घटना में शामिल थे। इस घटना में मोटरसाइकिल जौनपुर से चोरी की गई और बाइक चोरी करने की घटना मंगेश यादव ने की थी।

इस लूट कांड में मंगेश और बाकी लोग शामिल थे। इस घटना को कार्य करने के लिए दो समूह में अपराधी पहुंचे थे। पुष्पेंद्र और डब्लू और सचिन। ये लोग बोलेरो से पहुंचे थे, इन लोगों ने जिस समय में ये घटना किया जो सीधे डकैती में शामिल रहे। दुकान के अंदर फुरकान, अनुज ,अरबाज ,मंगेश यादव और अंकित यादव घुसे थे।

इसके अलावा विपिन सिंह, विनय शुक्ला, अरविंद विवेक और दुर्गेश यह लोग दुकान के आसपास घेराबंदी किए हुए थे ताकि कोई समस्या होगी तो यह लोग फायर कर सकें। ये फायर कर सकते थे, ताकि सबको भगाया जा सके यह सभी चीज सीसीटीवी फुटेज, टेक्निकल विश्लेषण में किया गया है। जो अपराधी गिरफ्तार हुए उनसे पूछताछ में यह सभी चीज क्लियर हुई है, इसमें पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर काम किया और घटना का खुलासा किया गया।

दो बार की गई रेकी

एडीजी जोन लखनऊ एसबी शिरोडकर ने कहा, लूट कांड में दो बार रेकी की गई। जिसमें फुटेज हमारे पास अवेलेबल हैं। 13 तारीख को जो रेकी की गई उसमें फुटेज के आधार पर मौके पर विपिन और सचिन थे। इससे पहले वाली में लोकेशन के आधार पर पता चला इसमें जो दो मोटरसाइकिल थी जिनका इस्तेमाल किया गया घटना में यह दोनों मोटरसाइकिल जौनपुर से चोरी की गई थी उसका भी फुटेज सामने आया है। उसके आधार पर अभियुक्त की पहचान की गई। इसके बाद वह बोलेरो जिस व्यक्ति की थी, उसे 2 तारीख की मुठभेड़ में सुल्तानपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था, इसका नाम सचिन पुष्पेंद्र डब्लू है।

इसमें 15 किलो चांदी मिला था। जब बदमाश भाग रहे थे तब भी कुछ सामान बरामद किया गया था जो ज्वेलर्स से साझा किया था इसमें एसटीएफ और टेक्निकल साक्ष्य वहां की मदद ली गई। लूट के मास्टरमाइंड ने रायबरेली में अपने को सरेंडर किया था। इससे पहले सूरत की घटना में अनुज, अरबाज और फुरकान यह लोग सूरत की घटना में डकैती में शामिल थे और इस मामले में विपिन सिंह ने सरेंडर किया।

उन्होंने कहा कि पूरी कानूनी कार्रवाई कर हमें 5 दिन का रिमांड इसका मिला था और विपिन सिंह से पूछताछ के बाद जो लोग अरेस्ट हुए, उसमें दुर्गेश महत्वपूर्ण व्यक्ति है। विपिन सिंह के पास से 1.2 किलो गोल्ड बरामद हुआ है। बाकी लोगों से भी बरामदगी हुई है। यह देखा गया कि पूरा गिरोह बनाकर घटना को अंजाम दिया गया।

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