यूपी समेत तीन राज्यों की राजधानी में दरिंदे नोंचते रहे छात्रा की अस्मत
रांची से किया अगवा, पटना लाकर लखनऊ में फेंका, बालिका गृह भेजकर शांत बैठ गई कमिश्नरेट पुलिस
Sandesh Wahak Digital Desk: लखनऊ देश में निर्भया काण्ड के बाद महिला अपराधों पर बड़े-बड़े दावे और नए कानूनों का मानो अम्बार लग गया। इसके बावजूद बेटियों के साथ दरिंदगी की घटनाओं पर अंकुश नहीं लगा।
फिर एक नाबालिग बेटी संग मानवता को शर्मसार करने वाली दरिंदगी का खुलासा हुआ है। जिसमें रांची से अगवा बच्ची के साथ यूपी समेत तीन राज्यों की राजधानी में लगातार गैंगरेप को अंजाम दिया जाता रहा। इसके बावजूद तीनों राज्यों की पुलिस की नींद नहीं टूटी। हैवानियत की शिकार बच्ची को लखनऊ पुलिस ने भी सिर्फ राजकीय बालिका गृह में दाखिल कराकर जिम्मेदारी से मुक्ति पा ली। असली मामला सामने आते ही पुलिस अफसरों ने भी पूरे वाकये से अंजान बनना ही मुनासिब समझा।
ट्रक चालक ने दो दिनों तक किया रेप
रांची के तमांड थाना क्षेत्र के नूरीडीह निवासी कक्षा सात की छात्रा 13 वर्षीय अलका कुमारी(बदला हुआ नाम) 16 अगस्त को सुबह नौ बजे स्कूल जाते समय गायब हो गयी थी। आरोपों के मुताबिक बच्ची की आबरू लूटने के बाद एक युवक उसे रांची के बुंडू बस स्टैंड लेकर गया। फिर किसी दूसरे लड़के के जरिए पटना ले जाई गई। यहां भी उसकी इज्जत तार-तार की गयी। दूसरा लड़का उसे पटना में ट्रक चालक के पास छोडक़र गया। ट्रक चालक ने दो दिन साथ रखकर रेप किया।
फिर लखनऊ में ले जाकर 20 अगस्त की रात्रि करीब डेढ़ बजे जियामऊ स्थित कैंसर अस्पताल के पास फेंक दिया गया। देर रात भटकती पीडि़ता को गौतमपल्ली पुलिस ने राजकीय बालिका गृह में दाखिल करा दिया। बच्ची को मानव तस्करी के जरिये बेचा गया है। एक सितंबर को दरिंदगी की शिकार रेप पीड़िता बच्ची को राजकीय बालिका गृह से परिजन रांची ले गए। मामले में रांची के डीएसपी रतिभान सिंह ने दो आरोपियों को रविवार को रेप, मानव तस्करी और पॉक्सो के तहत गिरफ्तार किया। इस दौरान लखनऊ पुलिस ने कोई कार्रवाई ही नहीं की।
रांची पुलिस के डीएसपी बोले
रांची पुलिस के डीएसपी रतिभान सिंह के साथ रेप पीडि़ता भी मौजूद थी। इसी दौरान फोन पर ‘संदेश वाहक’ से उन्होंने कहा कि दो आरोपी पकड़े गए हैं। जांच जारी है। पीडि़ता 29 अगस्त तक लखनऊ के राजकीय बालिका गृह में रही थी।
अंजान बनी लखनऊ पुलिस
डीसीपी (सेंट्रल) रवीना त्यागी ने ‘संदेश वाहक’ से कहा कि मुझे इस प्रकरण की कोई जानकारी नहीं है। वहीं गौतमपल्ली थाने के इंस्पेक्टर ने कहा कि बिना रिकॉर्ड देखे, मैं कुछ भी नहीं बता सकता हूं। मुझे फिलहाल ध्यान नहीं है।
लखनऊ में कोई काउंसिलिंग तक नहीं हुई : बैद्यनाथ
झारखंड में मानव तस्करी से पीडि़त 8000 बच्चों को रेस्क्यू करने और सैकड़ों मानव तस्करों को जेल भेजने में भूमिका निभाने वाले रांची के बाल अधिकार कार्यकर्ता बैद्यनाथ कुमार ने ‘संदेश वाहक’ से बातचीत में लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस पर सवाल उठाएं। उन्होंने कहा कि रांची, पटना और लखनऊ तीन प्रदेशों की राजधानियों में नाबालिक छात्रा से रेप की वारदात की गयी। लखनऊ पुलिस ने ज़ीरो एफआईआर नहीं दर्ज की। दस दिनों तक शेलटर होम में रखा। इस दौरान काउंसिलिंग नहीं हुई। झारखंड पुलिस को मामला ट्रांसफर नहीं किया।
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