भारत-बांग्लादेश के बीच तीस्ता जल बंटवारा विवाद सुलझाने के लिए कदम बढ़ाना चाहते हैं मोहम्मद यूनुस
ढाका: बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने भारत और बांग्लादेश के बीच लंबे समय से चल रहे तीस्ता जल बंटवारा विवाद को सुलझाने की दिशा में पहल करने की बात कही है। यूनुस ने कहा कि यह मुद्दा कई वर्षों से लंबित है और इसे और अधिक टालने से किसी भी देश को लाभ नहीं होगा। उन्होंने इस विवाद को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार सुलझाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि दोनों देशों के बीच मतभेद खत्म किए जा सकें।
ढाका में एक साक्षात्कार के दौरान यूनुस ने कहा, “जल बंटवारे के इस मुद्दे को सुलझाना बेहद जरूरी है, चाहे हमें इसके लिए कुछ कठिन निर्णय क्यों न लेने पड़ें। इससे दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होंगे और क्षेत्र में स्थिरता आएगी।” उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि बांग्लादेश जैसे निचले तटवर्ती देशों के विशिष्ट अधिकार हैं, जिनका सम्मान किया जाना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का पालन अनिवार्य
यूनुस के बयान से पहले, बांग्लादेश की जल संसाधन सलाहकार सैयदा रिजवाना हसन ने भी इस मुद्दे पर भारत के साथ बातचीत को फिर से शुरू करने की इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा था कि ऊपरी और निचले तटवर्ती देशों के बीच जल बंटवारे के लिए अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का पालन किया जाना चाहिए।
बांग्लादेश में आई हालिया बाढ़ ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है। मानसूनी वर्षा के चलते लगभग 30 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। यूनुस ने इस स्थिति को देखते हुए कहा कि बाढ़ जैसी आपदाओं से निपटने के लिए दोनों देशों को बिना किसी संधि के भी मानवीय दृष्टिकोण अपनाकर समन्वय करना चाहिए।
भारत ने दिया सहयोग का आश्वासन
भारत ने भी बांग्लादेश में बाढ़ के लिए अपनी जिम्मेदारी से इनकार करते हुए कहा है कि यह एक “साझा” समस्या है और इसे हल करने के लिए दोनों देशों को मिलकर काम करने की जरूरत है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच बेहतर समन्वय से ही ऐसे संकटों का समाधान किया जा सकता है।
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