Lucknow News: कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स का प्रदर्शन, अनिश्चितकालीन धरने की दी चेतावनी

Lucknow News: राजधानी लखनऊ में लगातार दूसरे दिन नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के तहत प्रदेश भर में कार्यरत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स (Community Health Officers) का प्रदर्शन गुरुवार को भी जारी रहा। बड़ी संख्या में तमाम जिलों के सीएचओ ईको गार्डन पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी कर रहे हैं।

इससे पहले बुधवार को बड़े प्रदर्शन के बाद मिशन निदेशक ने बैठक बुलाई थी। जिसका कोई भी हल नहीं निकल सका। हम अपनी मांगों को लेकर दूसरे दिन भी प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो धरना अनिश्चित कालीन जारी रहेगा।

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि कोरोना काल में देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य के ज्यादातर लोगों की जान हमने बचाई पर हम लोगों की कोई सुनवाई नहीं हो पा रही है। हमारी मांगों को लेकर अफसर स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं की जाएंगी। तब तक धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा।

मुरादाबाद में तैनात CHO निखिल ने कहा कि बुधवार को एमडी से दिन भर चली वार्ता के दौरान हम लोगों की 7 सूत्रीय मांगों को लेकर कोई स्थिति साफ नहीं हो पाई।

दूसरे राज्यों की तुलना में यूपी में सबसे कम सैलेरी

उन्होंने कहा कि हमारी मुख्य मांगों में सैलरी और PBI को मर्ज करना था। इसमें उन्होंने PBI से 5 हजार कम करके सैलरी में बढ़ा दिया है। इससे कोई फर्क नही पड़ा है। सबसे बड़ी मांग हमारी केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार 6 साल की नौकरी पूरी करने के बाद 4400 ग्रेड पे पर नियमित किए जाने की मांग को भी उन्होंने नहीं माना है।

उन्होंने कहा कि ट्रांसफर पॉलिसी पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिनको पहले से होम डिस्ट्रिक्ट मिला है, उन्हें दिक्कत नहीं है, लेकिन कई ऐसे लोग हैं। जो घरों से बहुत दूर जाकर नौकरी करने को मजबूर हैं। उनका ट्रांसफर जरूरी है। लेकिन उन्हें अपने जिले में नहीं भेजा जा रहा है।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अन्य राज्यों के तुलना में उत्तर प्रदेश में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स (CHO) को मिलने वाली तनख्वाह सबसे कम है। सभी राज्यों में 25,500 वेतन और 15000  भत्ता दिया जा रहा हैं। जबकि यूपी में हमें सिर्फ 20, 500 रुपये दिया का रहा हैं। जब केंद्र सरकार की गाइडलाइन के माध्यम से पेमेंट हो रहा था। तो सभी राज्यों का एक समान और यूपी में ही फर्क क्यों? इस मामले को लेकर भी कोई ठोस भरोसा नही मिला हैं। यही कारण हैं कि प्रदर्शन आज भी जारी है।

इस बीच CHO की मांगों को लेकर NHM कर्मियों का एक प्रतिनिधिमंडल मिशन निदेशक से वार्ता के लिए पहुंचा।

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